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मंत्रिमंडल विस्तार से मेवाड़ को उम्मीदें:मोदी लहर में भी कांग्रेस को जीत दिलाने वाले मालवीय मंत्री बनने की रेस में सबसे आगे, दयाराम परमार और राजेंद्र विधूड़ी भी दौड़ में उदयपुर3 घंटे पहले

राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद के साथ ही मेवाड़ में भी कांग्रेसी नेताओं के मंत्रिमंडल में शामिल होने के समीकरण अब चर्चाओं में है। आलाकमान और राजनीतिक आकाओं को खुश करने में नेता कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कोई अपने किए कामों के रिपोर्ट कार्ड के सहारे दावेदारी जता रहा है तो कोई पार्टी का वफादार होने के सहारे। किसी को अपने लम्बे राजनीतिक अनुभव के बूते मंत्रिमंडल में शामिल होने का यकीन है तो किसी को बड़े नेताओं के प्रिय होने का।

सरकार कांग्रेस की हो या बीजेपी की, मेवाड़ के नेताओं का मंत्रिमंडल में हमेशा अहम रोल रहा है। ​वर्तमान सरकार में भी डॉ. सीपी जोशी विधानसभा अध्यक्ष, उदयलाल आंजना सहकारिता मंत्री और अर्जुन बामनिया राज्य जनजाति मंत्री हैं। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में मेवाड़ की 28 में से सिर्फ 10 सीटें ही कांग्रेस को मिलने के चलते कांग्रेस सरकार की केबिनेट में मेवाड़ को वैसा प्रतिनिधित्व नहीं मिला जैसा पिछली बीजेपी सरकार में मिला था। मगर कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाने मेवाड़ में एक बार फिर खुद को स्थापित करने और लोगों के बीच जगह बनाने के लिए आलाकमान मेवाड़ के नेताओं को जगह दे सकता है।

मेवाड़ से मंत्रिमंडल विस्तार में जगह बनाने वाले नेताओं की दौड़ में फिलहाल महेंद्र जीत मालवीय, दयाराम परमार और राजेंद्र विधूड़ी आगे हैं। हालांकि पूरे मेवाड़ से कांग्रेस के अब सिर्फ 6 ही नेता ऐसे हैं जिनके बीच से तय कर सरकार और संगठन को उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करना है। 2018 में चुनाव जीते 10 विधायकों में से 3 फिलहाल मंत्रिमंडल में हैं। वहीं वल्लभनगर से चुनाव जीते गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन हो गया था। इस सीट पर फिलहाल उपचुनाव होना है।

ऐसे में बचे 6 विधायकों की बात करें तो डूंगरपुर से विधायक गणेश घोघरा वर्तमान में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। साथ ही युवा होने के चलते अन्य अनुभवी नेताओं पर उन्हें तरजीह मिलना मुश्किल नजर आता है। इसी तरह से प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा और भीम विधायक सुदर्शन सिंह रावत भी इस दौड़ में ज्यादा आगे नजर नहीं आते हैं।

बागीदौरा से विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके महेंद्रजीत मालवीय।
बागीदौरा से विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके महेंद्रजीत मालवीय।

पूर्व मंत्री और मोदी लहर में कांग्रेस को जिताने वाले मालवीय आगे

मंत्रिमंडल में जगह बनाने की दौड़ में सबसे आगे बागीदौरा से विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके महेंद्र जीत मालवीय हैं। मालवीय लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। 2008 की कांग्रेस सरकार में केबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वहीं 2013 में मोदी लहर के बीच जब कांग्रेस राजस्थान में महज 21 और मेवाड़ में महज 2 सीटें ला पाई थी। उस लहर में भी कांग्रेस से जीत दर्ज करने वाले चुनिंदा विधायकों में मालवीय थे। आदिवासी समाज पर मजबूत पकड़ होने और वागड़ क्षेत्र में बीटीपी के प्रभाव को कम करने के चलते सरकार मालवीय को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह दे सकती है।

इसी तरह पिछले विधानसभा चुनाव में मेवाड़ में सबसे बड़े अंतर से कांग्रेस को जीत दिलाने वाले दयाराम परमार को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। परमार पिछली कांगेस सरकार में भी राज्यमंत्री रह चुके हैं। अनुभवी और पुराने नेता होने के साथ-साथ उदयपुर जिले से एकमात्र प्रतिनिधि होने के चलते परमार को मौका मिल सकता है। हालांकि उनकी उम्र और सक्रियता उनके चयन पर सवाल खड़े करती हैं।

राजेंद्र विधूडी पिछली कांग्रेस सरकार में संसदीय सचिव रहे थे। निम्बाहेड़ा से विधायक सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का रिपोर्ट कार्ड अबतक कुछ खास अच्छा नहीं रहा है। ऐसे में अगर सरकार उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाती है तो चित्तौड़गढ़ जिले का प्रतिनिधित्व विधूड़ी कर सकते हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सीडबल्यूसी सदस्य और मेवाड़ के कद्दावर नेता रघुवीर मीणा का मानना है कि सरकार और संगठन ने अपने स्तर पर एक्सरसाइज कर ली है। फिलहाल कुछ भी तय नहीं है, दोनों मिलकर इसपर निर्णय करेंगे। हालांकि मेवाड़ में मंत्रिमंडल की रेस में शामिल ज्यादातर नेता अशोक गहलोत खेमे से ताल्लुक रखते हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि मेवाड़ के नेताओं को मत्रिमंडल में शामिल करने में गहलोत सरकार को ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी।

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