कल से कोटा-उदयपुर संभाग में फिर एक्टिव होगा मानसून:झालावाड़, चित्तौड़गढ, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा में हो सकती है बारिश; पश्चिमी राजस्थान में बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात
राजस्थान में बीते डेढ़ सप्ताह से सुस्त पड़ी मानसून की गतिविधियां कल से भी जोर पकड़ सकती है। पूर्वी राजस्थान में कोटा, उदयपुर संभाग के जिलों 18 अगस्त से हल्की बारिश का दौर शुरू हो सकता है। 20 अगस्त से भरतपुर संभाग में भी बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। हालांकि पश्चिमी राजस्थान में अभी भी बारिश होने के कोई खास आसार नजर नहीं आ रहे। यहां स्थिति अब भी विकट है और सूखे जैसे हालात बन गए है। क्योंकि मानसून के पहले सीजन में जब अच्छी बारिश हुई, लेकिन यह पूर्वी राजस्थान के जिलों में ही हुई।
जयपुर मौसम विभाग के मुताबिक मानसून के वापस एक्टिव होने के पीछे कारण बंगाल की खाड़ी और उड़ीसा-आंध्रप्रदेश से लगते क्षेत्र के पास लो-प्रेशर एरिया बनना है। इसके अलावा मानसून ट्रफ लाइन की स्थिति में भी चेंज आ रहा है, जो अब उत्तर-पूर्वी हिमालय क्षेत्र से धीरे-धीरे नीचे आ रही है। मानसून ट्रफ लाईन अपनी सामान्य अवस्था से उत्तर दिशा में (हिमालय की तरफ) शिफ्ट होने और पश्चिमी हवा का प्रभाव बढ़ने के कारण राजस्थान में मानसून सुस्त पड़ गया था। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो मानसून के सैकण्ड सीजन का असर भी पूर्वी राजस्थान में ही ज्यादा रहेगा। पश्चिमी राजस्थान में अभी भी बारिश के कोई खास आसार नजर नहीं आ रहे।
11 फीसदी कम हुई पश्चिमी राजस्थान में बारिश
मानसून की दृष्टि से राजस्थान को दो हिस्सो (पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान) में बांटा है। पूर्वी राजस्थान के 23 में से 5 जिलों को छोड़कर शेष सभी जिलों में बारिश सामान्य या उससे ज्यादा हुई है। जबकि पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में से 6 जिले ऐसे है जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। पश्चिमी राजस्थान में सामान्यत: 157.8MM बारिश होती है, लेकिन अब तक यहां केवल 177.3MM ही बारिश हुई है, जो सामान्य से 11 फीसदी कम है।
इन जिलों में है सूखे जैसे हालात
मानसून के पहले सीजन में पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश जिलों में बारिश नहीं होने के कारण स्थिति खराब हो गई है। इन जिलों में सूखे जैसे हालात बन गए है। इसमें जालौर, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, सिरोही, गंगानगर है। यहां बारिश नहीं होने के कारण बाजरा, ज्वार, मूंगफली की फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। इन जिलों के ग्रामीण इलाकाें में बारिश नहीं होने से इन फसलों को पर्याप्त पानी और नमी नहीं मिल रही।
40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचा पारा
राज्य में मानसून के सुस्त पड़ने से तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है। चूरू, गंगानगर में तो पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। सबसे ज्यादा तापमान गंगानगर में 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इसी तरह चूरू में 40.3, बीकानेर 39, पाली 38.1, जैसलमेर और जोधपुर में 37-37, बूंदी 38.2 और जयपुर में 36 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ।