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जबलपुर सिटी में चलेंगी 200 नई बसें:अमृत स्कीम के तहत 11 बसें मिली, आईएसबीटी से भेड़ाघाट और रेलवे स्टेशन से तिलवारा रूट पर चलेगी, 10 महीने में शहर के हर कोने में मिलेगी सिटी बस की सेवा

सिटी परिवहन की दम तोड़ती व्यवस्था को अमृत का सहारा मिला है। जबलपुर सिटी में 200 बसें चलाने की तैयारी है। पहले चरण में 11 बसें मिल चुकी है। इसी महीने इन बसों का संचालन आईएसबीटी से भेड़ाघाट और रेलवे स्टेशन से तिलवारा रूट पर चलेगी। 36 सीटर इन बसों में स्टैंडिंग सहित 50 लोग सफर कर पाएंगे।

जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (जेसीटीएसएल) के सीईओ सचिन विश्वकर्मा के मुताबिक अभी 119 बसें हैं। इसमें 35 बसें अगले दो साल में चलन से बाहर हो जाएंगी। अन्य बसों की खरीदी 2013 में हुई थी। अभी ये बसें सात साल बाद चलेंगी। हालांकि ऑपरेटरों की लापरवाही से इसमें से कई बसों की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है। इन बसों की खरीदी शासकीय स्तर पर हुई थी। ऑपरेटरों को महीने के रेंट पर संचालन के लिए दिया गया था। बसों के रख-रखाव की जिम्मेदारी बस ऑपरेटरों को ही थी।

अमृत में बदल गई अनुबंध की शर्त

अमृत योजना में इस बार अनुबंध की शर्त बदल दी गई है। अब ऑपरेटरों को अपना पैसा बसों की खरीदी में लगानी होगी। 60% राशि ऑपरेटर को लगाना होगा और 40% राशि शासन द्वारा बाद में ऑपरेटर को अनुदान के रूप में वापस हो जाएगी। जेसीटीएसएल ने मां एसोसिएट जबलपुर से अनुबंध किया है। इस एसोसिएट में आशीष जैन, अतुल जैन और संजीव कोहली पार्टनर हैं। अभी एक बस की कीमत 25 लाख रुपए पड़ी है। इसमें 15 लाख रुपए बस ऑपरेटर को लगानी पड़ी है। वहीं 10 लाख रुपए शासन से अनुदान मिलेगी।

बस ऑपरेटर को मिलेगा 31 रुपए प्रति किमी

अनुबंध के तहत बस ऑपरेटर को न्यूनतम 180 किमी एक बस को प्रतिदिन चलानी होगी। उसे 31 रुपए प्रति किमी की दर से जेसीटीएसएल भुगतान करेगी। बस ड्राइवर, डीजल, बस का मेंटीनेंस ऑपरेटर के जिम्मे होगा। वहीं टिकट कलेक्शन के लिए दूसरी एजेंसी तय की गई है। इस एजेंसी का कार्य बस में सवार यात्रियों का टिकट बनाने का होगा। एजेंसी ही किराया का कलेक्टशन करेगी। उसे प्रति किमी 31.50 रुपए की दर से जेसीटीएसएल को भुगतान करना होगा। इससे ऊपर की आमदनी से एजेंसी की होगी। टिकट कलेक्शन एजेंटों के भुगतान और अपनी प्रॉफिट एजेंसी की जवाबदारी होगी। 11 नई बसें आगा चौक स्थित डिपो में आ चुकी है।

सिटी बस के संचालन से शहर की सड़कों से कम होगा ट्रैफिक दबाव।
सिटी बस के संचालन से शहर की सड़कों से कम होगा ट्रैफिक दबाव।

शहरवासियों को ये होगा फायदा

पहले चरण में ऑपरेटरों ने 11 बसों की खरीदी की है। कोविड की तीसरी लहर नहीं आई तो अगले 10 महीने में 200 बसों की खरीदी करनी होगी। 15 लाख शहरी आबादी और आसपास के प्रमुख कस्बों को जोड़ने वाले रूट तय होंगे। इस बार कोशिश की जा रही है कि शहर के हर कोने में सिटी बस की उपलब्धता 15 से 20 मिनट के अंतराल पर बनी रहे। ये सभी बसें बीएस-6 इंजन वाली हैं, जो कम शोर व प्रदूषण फैलाती हैं। बसों की टाइमिंग और सहज उपलब्धता हुई तो शहर के प्रमुख मार्गों पर संचालित 10 हजार ऑटो बाहर हो जाएंगे। वहीं बाइक व कार का प्रयोग करने वाले भी सिटी बस का उपयोग अधिक से अधिक करेंगे। एक बस के संचालन से 36 बाइक या 12 ऑटो या 10 कार सड़क से बाहर हो सकती हैं। शहर की ट्रैफिक को भी बेहतर करने में मदद मिलेगी।

एक रुपए प्रति किमी है किराया

सिटी बसों का किराया प्रति किमी एक रुपए निर्धारित है। इसके अलावा मासिक, त्रैमासिक रूट पास और सिटी पास का भी विकल्प दिया गया है। नई बसों में भी यही किराया लागू होगा। बसों के किराए से लेकर माॅनीटरिंग का प्रभारी जेसीटीएसएल के पास होगा। सीईओ सचिन विश्वकर्मा के मुताबिक अभी बसों का संचालन रूट कास्ट कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर था। अब नई व्यवस्था में ग्रास कास्ट कॉन्ट्रैक्ट के तहत संचालन किया जाएगा। इसी तरह का अनुबंध प्रदेश में भोपाल व इंदौर में भी हुआ है।

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