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जमानत मिलते ही किया ट्वीट, ‘सत्यमेव जयते’, कोर्ट ने इन शर्तों पर किया रिहा

मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में मंगलवार को दिन काफी हंगामेदार रहा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक बयान देने के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी के बाद देर रात उन्हें कोर्ट ने तत्काल जमानत भी दे दी। जमानत मिलने ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Twitter पर नारायण राणे ने पहला पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने सिर्फ इतना लिखा, सत्यमेव जयते। गौरतलब है कि गिरफ्तारी के बाद नारायण राणे को महाड कोर्ट में पेश किया गया था, जहां उन्हें खराब स्वास्थ्य के कारण जमानत पर रिहा कर दिया गया।

नारायण राणे को इन शर्तों के साथ मिली कोर्ट से जमानत

नारायण राणे को 15,000 रुपए के मुचलके पर जमानत मिली है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि भविष्य में इस तरह के बयान नहीं देंगे। राणे के विवादास्पद बयान के ऑडियो की जांच के लिए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को एक बार पुलिस स्टेशन में आना होगा। इसके अलावा 30 अगस्त और 13 सितंबर को रायगढ़ अपराध शाखा के सामने भी पेश होना होगा। कोर्ट ने राणे को चेतावनी दी है कि जमानत के दौरान दस्तावेजों और सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश ना करें।

राणे को जमानत, फिर आक्रामक हुई भाजपा

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को कोर्ट से जमानत मिलते ही महाराष्ट्र भाजपा फिर आक्रामक हो गई है। जमानत मिलने पर महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को जमानत उद्धव ठाकरे सरकार पर दूसरा तमाचा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार पुलिस और गुंडों की मदद से चल रही है।

गौरतलब है कि नारायण राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खिलाफ “कान के नीचे थप्पड़” मारने जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। नारायण राणे ने कहा था कि, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं।’ भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। ‘अगर मैं वहां होता, तो उनके कान के नीचे बजा देता।’ राणे से इस बयान से गुस्साए शिवसैनिकों ने मंगलवार को कई स्थानों पर हंगामा किया और नारायण राणे के घर का भी घेराव कर लिया।

 

 

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