मृतक संख्या 100 से अधिक हुई, 90 अफगानी और 13 अमेरिकी सैनिक शामिल

काबुल । अफगानिस्तान में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। काबुल हवाईअड्डे के बाहर गुरुवार को एक के बाद एक हुए तीन बम धमाकों में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई। वहीं अफगानिस्तान के अधिकारी मृतक संख्या 72 बता रहे हैं। मरने वालों में 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं। बड़ी संख्या में सैनिक और एयरपोर्ट के बाहर जमा भीड़ में शामिल अफगानी लोग जख्मी हैं। मृतक संख्या 100 से अधिक पहुंचने की आशंका है। मृतकों में 90 अफगानी नागरिक बताए जा रहे हैं। इनमें 28 तालिबानी लड़ाके थे। हमले में महिलाओं, अमेरिकी सुरक्षा कर्मियों और तालिबान के गार्ड समेत 70 से अधिक लोग घायल हुए हैं। समाचार एजेंसी रायटर ने हमले में अमेरिकी मैरीन कमांडो मारे जाने की जानकारी दी है। इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। अमेरिका समेत पश्चिमी देश हमले के लिए आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) पर शक जता रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और आस्टे्रेलिया ने एयरपोर्ट पर आइएस द्वारा बम धमाकों की आशंका जताते हुए बुधवार को ही अपने देश के नागरिकों को एयरपोर्ट के बाहर जमा होने से पहले ही रोक दिया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक बम धमाका एयरपोर्ट के एबे गेट पर और दूसरा धमाका एयरपोर्ट के बाहर बैरन होटल के पास हुआ। दोनों घटनास्थल आस-पास हैं। हमले में कई अफगान नागरिक भी हताहत हुए हैं। इलाज के लिए घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। इमरजेंसी अस्पताल के अनुसार एयरपोर्ट में बम धमाकों के 70 घायलों को इलाज के लिए लाया गया। घटना के बाद मौके पर काफी देर तक अफरातफरी की स्थिति रही। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह ने बम धमाके की घटना को आतंकी वारदात बताया है।
अमेरिकी दूतावास ने जारी किया था अलर्ट
काबुल में अमेरिकी दूतावास की ओर से गत बुधवार की शाम को जारी एक अलर्ट में नागरिकों को सलाह दी गई थी कि वे एयरपोर्ट की ओर आना टाल दें। जो लोग पहले से एयरपोर्ट के गेट पर मौजूद हैं, वे भी तत्काल वहां से चले जाएं। आस्ट्रेलिया ने भी अपने लोगों को एयरपोर्ट से दूर रहने की सलाह दी थी।
इसके अलावा, ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के मंत्री जेम्स हैपी ने बताया कि एक बड़े हमले की बड़ी विश्वसनीय रिपोर्ट आई है। इसलिए लोगों को एयरपोर्ट से दूर चले जाना चाहिए। फ्रांस ने इस खतरे की बात के सामने आने के बाद कह दिया था कि वह शुक्रवार को उड़ानें बंद रखेगा। डेनमार्क ने कहा कि उसकी आखिरी उड़ान काबुल से रवाना हो चुकी है। घटना के संबंध में अमेरिका के राष्ट्रपति बिडेन को जानकारी दी गई है। अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई अन्य सहयोगी देशों की ओर से इस बारे में अलर्ट जारी किया गया था। लोगों से गुजारिश की गई थी कि वे काबुल एयरपोर्ट से दूर ही रहें। ब्रिटिश सरकार की ओर से कहा गया था कि इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की ओर से काबुल हवाई अड्डे पर मौजूद लोगों को निशाना बनाकर हमले किए जा सकते हैं।