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Paralympics में शानदार प्रदर्शन, वीडियो में देखिए जश्न, तिरंगा थामते ही भावुक हुए योगेश

दिल्ली। टोक्यो पैरालिम्पिक्स में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है। भारत सुबह से अब तक चार पदक जीत चुका है। इस बीच डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल जीतने वाले एथलीट योगेश कथुनिया भावुक हो गए। पदक जीतने के बाद जैसे ही उनके हाथ में तिरंगा आया उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। अपनी खुशी और गर्व के आंसू पोछते हुए उन्होंने SAI, PCI और अपनी मां का धन्यवाद किया। डिस्कस थ्रोअर योगेश कथूनिया ने पैरालिंपिक में F56 वर्ग में रजत पदक जीता है। पदक जीतने के बाद वो भावुक हो गए।

पदक जीतने के बाद क्या बोले योगेश

सिल्वर मेडल जीतने के बाद योगेश ने कहा “मैं रजत पदक जीतने पर उत्साहित हूं। मैं SAI, PCI (भारत की पैरालंपिक समिति), और विशेष रूप से मेरी मां को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।” इस बीच योगेश के पिता ने कहा कि उनके बेटे को यहां तक पहुंचाने में उसके दोस्तो की बहुत बड़ी भूमिका रही है। उनके पास पैसे नहीं थे, दोस्तों ने पैसे जुटाकर टिकट खरीदा और योगेश को बड़े टूर्नामेंट में भेजा।

अब तक भारत की झोली में 7 पदक

भारत की शूटर अवनि लेखारा ने वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ भारत को पहला गोल्ड दिलाया है। वे गोल्ड जीतने वाली भारतीय इतिहास की पहली महिला पैरालिंपिंक बन गई हैं। इसके साथ ही डिस्कस थ्रो में योगेश कथुनिया ने सिल्वर मेडल दिया है। वहीं देवेंद्र झाझरिया और सुंदर सिंह ने भाला फेंक वर्ग F45 में कांस्य जीता और स्वरूप उनहालकर ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 के फाइनल में प्रवेश किया। यानी एक पदक और पक्का हो चुका है। इस तरह भारत के कुल पदकों की संख्या 7 हो गई है और वह पदल तालिका में 34वें स्थान पर आ गया है।

भाविना पटेल ने खोला था खाता

टोक्यो पैरालिम्पिक्स में भारत का खाता गुजरात के मेहसाणा की लविनाबेन पटेल ने खोला था। लविना ने टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल जाती था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित समूचे देश ने उन्हें बधाई दी थी। गुजरात सरकार ने लविना को 3 करोड़ का ईनाम दिया है।

 

 

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