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राजस्थान में खत्म हुआ इंतजार:प्रदेशभर में कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए फिर खुले स्कूल, ऑड-ईवन फॉर्मूले के आधार पर पहले दिन चुनिंदा स्टूडेंट ही पहुंचे स्कूल

राजस्थान में 4 महीने 18 दिनों के बाद के इंतजार के बाद आज से स्टूडेंट्स के लिए फिर से स्कूल खोल दिए गए हैं। बुधवार को खुले स्कूलों में फिलहाल सिर्फ कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्र को ही ऑड-ईवन फार्मूले पर प्रवेश दिया गया। उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर क्लास में बैठाया गया। इससे पहले स्टूडेंट्स का टेंपरेचर चेक कर उन्हें स्कूल में प्रवेश दिया गया। टीचर ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।

ऑनलाइन भी पढ़ सकेंगे छात्र
लंबे समय बाद खुले स्कूलों में फिलहाल 40% स्टूडेंट्स को ही हर दिन क्लास में बुलाया जाएगा। स्कूल प्रबंधन द्वारा ऑड ईवन फॉर्मूले को अपनाया गया है। हर दिन अलग बैच के आधार पर बच्चों को पढ़ाया जाएगा। फिलहाल छात्रों का स्कूल आना अनिवार्य नहीं किया गया है। ऐसे में छात्र घर बैठ भी ऑनलाइन शिक्षा ले सकेंगे। वहीं जो छात्र स्कूल आ रहे हैं वह विदाउट यूनिफार्म भी आ सकेंगे।

30 फीसदी कम होगा सिलेबस
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि लंबे समय से कोरोना संक्रमण की वजह से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई थी। ऐसे में छात्रों और शिक्षकों पर दबाव न बने इस बात को ध्यान में रखते हुए विभाग ने 30% कोर्स में कटौती का फैसला किया है। आदेश जल्द जारी कर दिए जाएंगे। अब स्कूलों में सिर्फ 70% कोर्स ही पढ़ाया जाएगा। ताकि समय पर 9वीं से 12वीं तक का कोर्स पूरा हो सके।

अब हर महीने होगा छात्रों का मूल्यांकन
शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा अब हर महीने छात्रों का टेस्ट लेने का फैसला किया गया है। ताकि भविष्य में अगर हम परीक्षा नहीं करा पाए, तो भी बच्चों का मूल्यांकन कर सकें। शिक्षा विभाग ने हर महीने टेस्ट का प्रारूप तैयार कर लिया गया। इसे अगले महीने से मूर्त रूप दिया जाएगा।

औचक निरीक्षण किया जाएगा
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ने बताया कि राजस्थान में छोटे बच्चों का स्वास्थ्य प्राथमिकता है। ऐसे में हर स्कूल की हकीकत जांची जाएगी। इसके लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे। कहीं कोई गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी।

केंद्र सरकार की गाइडलाइन का इंतजार
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि प्राइमरी स्कूल के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। वहां से दिशा-निर्देश के बाद ही यहां तैयारी शुरू होगी। उससे पहले प्रदेश के चिकित्सा विभाग और मुख्यमंत्री स्तर पर भी चर्चा होगी।

4 महीने 18 दिन बाद फिर से स्कूल पहुंचे स्टूडेंट।
4 महीने 18 दिन बाद फिर से स्कूल पहुंचे स्टूडेंट।

इन नियमों का करना होगा पालन

  • स्टूडेंट्स के बीच में दो गज की दूरी रहेगी। एक ही टेबल पर अगर तीन स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था है, तो वहां बीच की सीट खाली रहेगी।
  • लंच के लिए बच्चों को ओपन स्पेस उपलब्ध कराना होगा। बच्चे लंच एक साथ नहीं करेंगे और वाटर बॉटल भी घर से लेकर आएंगे। अगर नहीं लाए तो स्कूल शुद्ध पानी उपलब्ध कराएगा।
  • स्टूडेंट्स-टीचर को फेस मास्क का उपयोग जरूरी।
  • प्रार्थना सभा नहीं होगी।
  • खेलकूद गतिविधियों पर भी रोक रहेगी।
  • विद्यार्थी को पेन, कॉपी, पेंसिल का आदान-प्रदान नहीं करना होगा।
  • लंच बॉक्स किसी के साथ शेयर नहीं करना होगा।
  • अन्य विद्यार्थियों से शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे।
  • निर्धारित की गई सीट पर ही बैठेंगे।
  • विद्यालय परिसर में अनावश्यक नहीं घूमेंगे।
  • पानी की बोतल, सैनिटाइजर साथ रखेंगे।
  • जुकाम, खांसी, बुखार होने पर विद्यालय नहीं आएंगे।
  • स्कूल में एंट्री और एग्जिट पर टीचर की ड्यूटी रहेगी, जो मास्क लगाने वाले स्टूडेंट को ही इंट्री देंगे।
  • बस में स्टूडेंट को सीट आवंटित की जाएगी, तय सीट पर ही बैठाया जाएगा।
  • जो स्टूडेंट स्कूल नहीं आ सकेंगे, उन्हें ऑनलाइन अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।

राज्य में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल

  • सरकारी स्कूल: 14914
  • कुल स्टूडेंट्स- 26 लाख
  • निजी स्कूल: 16180
  • कुल स्टूडेंट्स- 25 लाख

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