शुभेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाई कोर्ट से मिली राहत, CID ने जारी किया था समन
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाई कोर्ट से राहत मिली है। अदालत ने अपने मौखिक आदेश में कहा कि उन्हें सीआईडी की तरफ से जारी समन के संदर्भ में अभी कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि दोपहर दो बजे फिर से कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।
शुभेंदु अधिकारी के वकीलों ने पूछा था कि कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला लंबित होने के दौरान भाजपा नेता को समन कैसे जारी किया गया। अदालत ने उन्हें बंगाल सरकार द्वारा दायर पांच प्राथमिकी पर राहत दी है। सोमवार सुबह सीआईडी मुख्यालय से बुलावा आने के बाग सुवेंदु अधिकारी ने अदालत में विशेष अपील दायर की थी।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता शुभेंदु अधिकारी अपने एक अंगरक्षक की मौत के मामले की जांच के सिलसिले में राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के समक्ष सोमवार को पेश नहीं हुए। एक अधिकारी के मुताबिक शुभेंदु ने बताया है कि वह व्यस्त हैं।
उन्होंने बताया कि नंदीग्राम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक शुभेंदु अधिकारी को उनके अंगरक्षक शुभव्रत चक्रवर्ती की मौत के मामले की जांच के सिलसिले में यहां भवानी भवन स्थित सीआईडी के मुख्यालय में जांच अधिकारियों के समक्ष सोमवार को पेश होने को कहा गया था।
सीआईडी के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, ”उन्होंने सुबह करीब साढ़े नौ बजे हमें मेल किया जिसमें कुछ राजनीतिक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए कहा कि वह यहां आकर हमारे अधिकारियों से नहीं मिल सकेंगे।” एजेंसी के एक सूत्र ने बताया कि अधिकारी की ओर से मेल प्राप्त होने के बाद सीआईडी ने जांच के अगले संभावित कदमों पर विचार विमर्श करने के लिए बैठक की। बैठक में यह विचार किया गया कि क्या शुभेंदु को और समन भेजे जाने चाहिए।
शुभेंदु अधिकारी से इस बारे में बात नहीं हो सकी है। जांच दल के सदस्य मामले की जांच के सिलसिले में अधिकारी के आवास भी गए थे।
अधिकारी के अंगरक्षक शुभव्रत चक्रवर्ती ने अक्टूबर 2018 में अधिकारी के कांथी आवास के बाहर सुरक्षा शिविर में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से कथित रूप से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में सीआईडी अब तक 11 पुलिसकर्मियों समेत 15 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। राज्य सशस्त्र पुलिस के जवान चक्रवर्ती उस समय से अधिकारी के सुरक्षा घेरे में शामिल थे जब वह तृणमूल कांग्रेस के सांसद थे। अधिकारी 2015 में जब प्रदेश सरकार में मंत्री बने, तब भी चक्रवर्ती उनके सुरक्षा दस्ते में शामिल रहे।