कार्यशाला सम्पन्न:मरीजाें काे मिलें कैशलैस स्वास्थ्य सुविधाएं, किसी को न हो परेशानी

अजमेर स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) परियोजना निदेशक शिप्रा विक्रम ने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश के कर्मचारियों को चाहे वे सेवारत हैं या सेवानिवृत्त उन्हें गुणवत्ता पूर्ण कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। किसी काे परेशानी भी ना हो। कार्मिक चाहे 2004 के पूर्व से सेवारत हैं या 2004 के बाद उन्हें आरजीएचएस में रजिस्टर्ड करा स्वयं को एवं अपने परिवार को स्वास्थ्य सेवाओं से रक्षित होना चाहिए।
एक अक्टूबर से कैशलेस ओपीडी स्वास्थ्य सेवाएं भी शुरू होने जा रही है। उन्होंने कहा कि 6 लाख कर्मचारियों ने आरजीएचएस में अपना रजिस्ट्रेशन करावाया है। यह आंकड़ा 12 लाख तक पहुंचना चाहिए। वर्तमान में 5 हजार से अधिक कार्मिकों को योजना का लाभ मिल चुका है। कार्मिक 1 जनवरी 2004 के पूर्व से सेवारत हैं या 2004 के बाद सभी काे आरजीएचएस में रजिस्टर्ड कराना चाहिए। वे मंगलवार काे मित्तल अस्पताल में आयाेजित कार्यशाला में संबाेधित कर रही थी। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश के 141 चिकित्सा संस्थान आरजीएचएस के तहत सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिकृत हैं। निजी चिकित्सा संस्थाओं को कहा कि राज्य कर्मचारी जिसके पास आरजीएचएस कार्ड नहीं है, वह राज्य कर्मचारी रहा है। एक बार यदि आपातकालीन अवस्था में हॉस्पिटल आता है और स्वास्थ्य सेवा देते हुए उसका आरजीएचएस में रजिस्ट्रेशन के लिए कॉल करें, ताे दो घंटे में रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा।
योजना का लाभ पेंशनर्स की कई परेशानी भी दूर करेगा। किसी भी रजिस्टर्ड अधिकृत मेडिकल स्टोर से घर बैठे दवाएं मंगवा सकेंगे। मेडिकल स्टोर चार घंटे में उन तक दवाएं पहुंचाएंगे। इस माैके पर राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन व राधाकृष्णन शिक्षिका सेना मित्तल हॉस्पिटल का स्टाफ सहित सीएमएचओ डॉ. केके सोनी, राकेश यादव, मोनाश्री माथुर, कृष्ण कांत मीणा, मित्तल अस्पताल के वाइस प्रेसीडेंट श्याम सोमानी, शिक्षक संघ राधाकृष्णन के प्रदेशाध्यक्ष विजय सोनी, प्रदेश संयोजिका सुनीता भाटी, प्रदेश सभाध्यक्ष नारायण सिंह पंवार, अमिताभ सनाढ्य, महेन्द्र सहवाल, महेन्द्र बुंदेल, सलमा खान आदि माैजूद थे।