घट सकती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें, 17 सितंबर को GST कॉन्सिल की बैठक

दिल्ली । लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगाम लगने की उम्मीद बन रही है। सरकार पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की कोशिश में जुटी है। दरअसल, 17 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर (GST) पर मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक होगी। इसमें पेट्रोलियम पदार्थों पर एक राष्ट्रीय दर से टैक्स लगाने पर विचार हो सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं। परिषद की बैठक शुक्रवार को लखनऊ में हो रही है। इस वजह से देश में इस समय वाहन ईंधन के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। आपको बता दें कि देश के आधे से अधिक ईंधन की खपत डीजल और गैसोलीन के रुप में होती है। वहीं ईंधन की लागत का आधे से ज्यादा हिस्सा टैक्स में जाता है।
माना जा रहा है कि माल एवं सेवा कर (GST) परिषद की 17 सितंबर को होने वाली बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाने पर विचार हो सकता है। लेकिन इस फैसले से केंद्र और राज्य सरकारों को राजस्व के मोर्चे पर जबर्दस्त नुकसान होगा। केंद्र और राज्य दोनों को इन उत्पादों पर कर के जरिये भारी राजस्व मिलता है। आपको बता दें कि जीएसटी उपभोग आधारित कर है। ऐसे में पेट्रोलियम उत्पादों को इसके तहत लाने से उन राज्यों को अधिक फायदा होगा, जहां इन उत्पादों की ज्यादा बिक्री होगी। उन राज्यों को अधिक लाभ नहीं होगा जो उत्पादन केंद्र हैं।
वर्तमान में राज्यों द्वारा पेट्रोल, डीजल की उत्पादन लागत पर वैट नहीं लगता, बल्कि पहले केंद्र इनके उत्पादन पर उत्पाद शुल्क लगाती है, उसके बाद राज्य उस पर वैट वसूलते हैं। ऐसे में पेट्रोल और डीजल ईंधनों के मामले में कर पर लगने वाले कर के प्रभाव को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में कोविड-19 से जुड़ी आवश्यक सामग्री पर शुल्क राहत की समयसीमा को भी आगे बढ़ाया जा सकता है।