मध्य प्रदेश में बने दो वेदर सिस्टम, इंदौर, उज्जैन, शहडोल में तेज बौछारें पड़ने की संभावना
भोपाल । बंगाल की खाड़ी से उठा तूफान आगे बढ़ा तूफान गुल-आब वर्तमान में कमजोर पड़कर गहरा कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। साथ ही मराठवाड़ा और उससे लगे गुजरात पर सक्रिय है। उधर बंगाल की खाड़ी में भी एक गहरा कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इन दो सिस्टम के कारण बुधवार-गुरुवार को इंदौर, उज्जैन, शहडोल, रीवा संभागों के जिलों में तेज बौछारें पड़ने की संभावना है। हवा का रूख दक्षिणी रहने से राजधानी में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक खरगोन में 35.2, खंडवा में 27, सिवनी में 11.4, मलाजखंड में 6.6, नरसिंहपुर में पांच, भोपाल (एयरपोर्ट क्षेत्र) में 3.8, छिंदवाड़ा में 2.8, सागर में 2.4, बैतूल में 1.8, होशंगाबाद में 1.4, पचमढ़ी में एक, भोपाल (शहर) में 0.6, धार में 0.6, उज्जैन में 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई।
अरब सागर में जाकर फिर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है सिस्टम
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में मराठवाड़ा और उससे लगे गुजरात पर बना गहरा कम दबाव का क्षेत्र अवदाब के क्षेत्र में बदल सकता है। इस सिस्टम के गुरूवार को अरब सागर में पहुंचकर पुन: चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। हालांकि तूफान पाकिस्तान और उससे लगे अरब सागर की तरफ बढ़ेगा, इस वजह से इसका विशेष असर मध्यप्रदेश में होने के आसार कम हैं। हालांकि बुधवार-गुरूवार को इसके प्रभाव से इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में तेज बौछारें पड़ेंगी। उधर बंगाल की खाड़ी में पश्चिम बंगाल पर बने सिस्टम के प्रभाव से बुधवार-गुरूवार को रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ने की संभावना है। प्रदेश के शेष हिस्से में अब बारिश की गतिविधियां कम होने लगेंगी।