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पूरे सीजन में महज 273 एमएम बरसात हुई, उदयपुर जिले में पिछले साल से 12 प्रतिक्षत कम बरसात हुई, संभाग के बांध 23 प्रतिशत तक खाली रहे

उदयपुर राजस्थान के साथ-साथ उदयपुर संभाग से भी मानसून लौट चुका है। सितम्बर के महीने में हुई अच्छी बरसात का असर रहा कि उदयपुर संभाग सहित पूरे प्रदेश की औसत बरसात का कोटा पूरा हो गया। इसके बावजूद उदयपुर जिले में बरसात औसत से कम रही। उदयपुर जिले में 1 जून से 30 सितम्बर तक सामान्य रूप से 593 एमएम बरसात होती है। मगर इस बार मानसून के सितम्बर से भी आगे खिंचने के बावजूद महज 518 एमएम बरसात ही हो पाई।

यह औसत से लगभग 12 प्रतिशत कम रही। वहीं अगर उदयपुर शहर की बात करें तो हाल बेहद खराब रहा। यहां पूरे 4 महीने में महज 273 एमएम बरसात हुई। यह पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम थी। पिछले साल उदयपुर जिले में 742 एमएम बरसात हुई थी। यानी पिछले वर्ष की तुलना में इस बार जिले में 224 एमएम कम बरसात हुई।

उदयपुर संभाग के 77 प्रतिशत बांध भरे

इस मानूसन में उदयपुर संभागभर के बांधों में से 77 प्रतिशत भरे हैं। उदयपुर संभाग के 256 बांधों में पानी की क्षमता 4640.55 एम क्यूसेक है। इस मानसून में इसमें से 3576.15 एम क्यूसेक पानी आया है। पिछले साल की तुलना में यह कम है। पिछले साल उदयपुर संभाग के बांध 81 प्रतिशत से ज्यादा भर गए थे। क्षमता के मुकाबले 3801.06 एम क्यूसेक पानी बांधों में आया था।

उदयपुर शहर की ज्यादातर झीलें भरी, उदयसागर महज सवा फीट खाली

मानूसन की विदाई के बावजूद उदयपुर की फतहसागर झील में पानी की आवक जारी है। यही वजह है कि फतहसागर का झरना लगातार चल रह है। फतहसागर में छोटा मदार और बड़ा मदार बांध से पानी की आवक हो रही है। हालांकि अब इसका वेग कम हो गया है। साथ ही बरसात नहीं होने से जल्द ही फतहसागर का झरना बंद किया जा सकता है। 13 फीट क्षमता वाले फतहसागर का जलस्तर फिलहाल 13.2 फीट है। वहीं इसके झरने से गिरने वाला पानी आयड़ नदी में होते हुए उदयसागर झील तक पहुंच रहा है। उदयसागर शहर की एकमात्र झील है जो फिलहाल ओवरफ्लो नहीं हुई है।

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