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राजस्थान ओलिंपिक संघ:गुटबाजी चरम पर, आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू, असंवैधानिक बैठक करने का आरोप

जयपुर राजस्थान राज्य ओलिंपिक संघ में अब गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। दोनों गुटों के बीच अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। 9 अक्टूबर को राजस्थान ओलिंपिक संघ के महासचिव अरुण सारस्वत (पावर फ्रीज) ने एक पत्र अनिल व्यास गुट को लिखा, जिसमें कुछ मुट्ठीभर लोगों द्वारा 23 सितंबर को असंवैधानिक बैठक करने का आरोप लगाया और इसे भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष द्वारा अवैध घोषित करने की बात भी कही।

इसके जवाब में राजस्थान ओलिंपिक संघ के उपाध्यक्ष अनिल व्यास ने लिखा कि, यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि राजस्थान राज्य ओलिंपिक संघ की बैठक राज्य संघ के संविधान के अनुरूप नहीं होकर भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष के इच्छानुसार होनी चाहिए। अरुण सारस्वत को संविधान की कोई जानकारी नहीं है। हमने जो भी निर्णय लिए थे वो संवैधानिक थे।

हमारी मीटिंग में भारतीय ओलिंपिक संघ के कोषाध्यक्ष भी वर्चुअली पर्यवेक्षक के रूप में जुड़े थे। अरुण सारस्वत ने वरिष्ठ उपाध्यक्ष बताकर अजीत सिंह राठौड़ को कार्यवाहक बनाना असंवैधानिक था। उल्लेखनीय है कि अनिल व्यास गुट चार पदों पर जो चुनाव होने हैं उसके लिए अपने पदाधिकारियों की घोषणा कर चुका है।

इसमें अध्यक्ष पद पर रामावतार जाखड़, चेयरमैन पद पर अनिल व्यास, उपाध्यक्ष पद पर हीरानंद कटारिया और कार्यकारिणी सदस्य पर मोहम्मद एम. खान के नामांकन किए गए हैं। इस गुट से इन चारों का चुना जाना तय है। अरुण सारस्वत गुट ने अलग से चुनाव की घोषणा की हुई है। इसलिए इस गुट से भी अभी इन चारों पोस्ट पर नाम सामने आने हैं।

भारतीय ओलिंपिक संघ से ही तय होगा राजस्थान ओलिंपिक संघ का भविष्य

अब यह साफ हो गया है कि भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनाव में जो भी गुट जीत कर आएगा उसी के अनुसार राजस्थान ओलिंपिक संघ का भविष्य भी तय होगा। भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनाव दिसंबर में होने हैं। अगर वहां बत्रा गुट जीत कर आता है तो पलड़ा अरुण सारस्वत गुट का भारी रहेगा और यदि मेहता गुट जीतकर आता है कि पलड़ा अनिल व्यास गुट का भारी रहना तय है।

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