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प्रशासन शहराें के संग अभियान:कैंप शुरू हाेने के 20 दिन बाद भी पट्टों के 90% आवेदन पेंडिंग, आवेदकों को लगाने पड़ रहे चक्कर

जयपुर प्रशासन शहराें के संग अभियान शुरू हाेने के 20 दिन बाद भी कैंपों में पट्टों के लिए किए गए आवेदनों में से 90 प्रतिशत मामले पेंडिंग पड़े हैं। अब तक मात्र 10 प्रतिशत से भी कम पट्टे जारी किए गए हैं। सरकार की ओर से पट्टाें के दस्तावेज तैयार करने काे लेकर प्री-कैंप आयोजित किए गए लेकिन आमजन काे फायदा नहीं मिला। लाेगाें काे पहले प्री-कैंपों में चक्कर लगवाए गए, अब पट्टों के लिए चक्कर लगा रहे हैं।

कैंप खाली पड़े हैं और अधिकारी मीटिंगों में व्यस्त हैं। 11 बजे से पहले अधिकारी-कर्मचारी कैंपों में नहीं पहुंचते, जबकि लाेग सुबह 9.30 बजे ही पहुंच जाते हैं। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के ग्रेटर निगम दाैरे के बाद शुक्रवार काे कैंपों की पड़ताल की गई। इधर, अधिकारियों काे कहना है कि पट्टों के आवेदनों की जांच की जा रही है। जांच के बाद रिपोर्ट के अनुसार पट्टे जारी किए जा रहे हैं। इसी वजह से समय लग रहा है।

पट्टा कैंप पहुंचीं मेयर; हाल देख बाेलीं जाे काम 1-2 दिन में हाे जाना चाहिए, उसके लिए 10-10 चक्कर लगवा रहे

जयपुर| यूडीएच मंत्री के औचक निरीक्षण के बाद अब मेयर शील धाबाई भी शुक्रवार काे ग्रेटर निगम मुख्यालय में चल रहे पट्टा वितरण कैंप के हाल जानने पहुंची। एक घंटा कैंप में रूककर पट्टाें की फाइलें देखी और लाेगाें से बातचीत करने के बाद बाेली-पट्टे के लिए लाेग बहुत परेशान हाे रहे हैं, कुछ एेसे अधिकारी-कर्मचारी हैं जाे काम काे टाल रहे हैं। जाे काम एक दाे दिन में हाे जाना चाहिए, उसके लिए 10-10 चक्कर लगवा रहे हैं। मेयर ने माैके पर ही पेंडिंग चल रही 5 फाइलें क्लियर करवाई। निगम कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह देव ने भी कैंप में कुर्सी लगा ली और हर बाबू व अधिकारी के पास जाकर पट्टा वितरण की जानकारी लेते रहे।

केस: मालवीय नगर जाेन कैंप में मानसिंहपुरा निवासी उमाशंकर ने बताया कि पट्टा लेने के लिए 5 बार चक्कर काट चुका हूं, लेकिन अभी तक पट्टा जारी नहीं हुआ। हर बार फाइल में कुछ न कुछ कमी बता देते हैं। अब कह रहे है कि ऑनलाइन करवाओ

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