प्रशासन शहरों के संग अभियान:दरें घटाने से 50 हजार आवेदकों को सीधे फायदा, डिमार्केशन, सोसायटियों से जुड़े मसले भी सुलझें
जयपुर प्रशासन शहराें के संग अभियान शुरू हुए 27 दिन बीत चुके, यूडीएच अफसरों काे सीएम फटकार भी लगा चुके लेकिन अभियान का काम गति नहीं पकड़ पाया। अब नियमन दरें घटने से राजधानी के 50 हजार भूखंडधारियाें काे सीधे फायदा मिलेगा। दरें अधिक हाेने से छाेटे भूखंडधारी अभियान में रुचि नहीं दिखा रहे थे। इधर, अभियान में सरकार ने ब्याज-पेनल्टी में छूट जरूर दी है। नई छूट से लीज कम लगेगी, फ्री-होल्ड पट्टा लेना आसान होगा।
धारा 90-ए के तहत एग्रीकल्चर लैंड से नॉन एग्रीकल्चर यूज के लिए परमिशन व अलॉटमेंट नियम-2021 में 32 तरह की प्रीमियम रेट तय हैं। इसके अलावा मास्टर प्लान, इकाेलाॅजिकल जाेन, सड़क, फैसेलेटी एरिया, रिक्रेएशनल, हाउसिंग साेसायटियाें से जुड़े विवाद, द्रव्यवती-करतारपुरा नाले के पास डिमार्केशन नहीं हाेने, अवाप्तशुदा जमीनाें पर एनओसी नहीं मिलने से हजाराें काॅलाेनियाें के लाखाें भूखंडधारियों काे पट्टे नहीं मिल रहे। सरकार इन पर फैसला करे ऐसी काॅलाेनियाें में लोगों को पट्टे मिल सकते हैं।
जेडीए ने 9 हजार पट्टे बांटे; 110 करोड़ कमाए भी, निगम पिछड़े
अभियान में जेडीए ने नियमाें का सरलीकरण कर 9467 आवेदनाें पर 8602 पट्टे दिए हैं। पट्टों के साथ नाम ट्रांसफर, सब डिवीजन, बिल्डिंग प्लान एप्रुवल, लीज के 12 हजार आवेदन निस्तारित कर 110 कराेड़ कमाए हैं। हालांकि यह आकड़ा लक्ष्य के अनुरूप कम है लेकिन आवेदनाें की तुलना में 90 फीसदी है। जबकि दाेनाें नगर निगम 7 हजार से अधिक आवेदनों में से केवल 300-400 काे पट्टे दे पाए।
जेडीए: नियम सरल किए, अभियान से पहले 562 कैम्प लगाए
जेडीए ने 3 हजार वर्गगज तक के भूखंडाें के उपविभाजन, पुनर्गठन की फाइल काे बीपीसी में एप्रुव करने की बजाय जाेनल लेवल कमेटी यानी जेडएलसी काे अधिकार दिए। सहकारी समितियाें की पुरानी याेजनाओं के ले-आउट प्लान और ढाई हजार वर्गमीटर तक के नक्शे, 18 मीटर ऊंचाई तक बिल्डिंग प्लान एप्रुवल के पाॅवर भी कमेटी काे दिए। वहीं, अभियान से पहले 15 से 2 अक्टूबर तक 562 कैम्प लगाए।
जेडीए: अभियान में आवेदन और निस्तारण
- आवेदन -निस्तारण
- लीज डीड : 9467-8602
- नाम ट्रांसफर:1029-942
- सबडिवीजन: 416-320
- बिल्डिंग प्लान: 6176-6028
- लीज: 5513-5506
जेडीए ने पहले से कैम्प लगाए, नियमाें को सरल कर जाेन स्तर पर निस्तारण के निर्देश दिए। पट्टों व अन्य आवेदनाें के निस्तारण से जेडीए काे 110 कराेड़ का राजस्व मिला है। प्रदेशभर में जारी पट्टाें में से 20 फीसदी आंकड़ा अकेले जेडीए का है। -गाैरव गाेयल, जेडीसी