कांग्रेस के वरिष्ठ नेता GS बाली नहीं रहे; दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस, लंबे समय से बीमार थे
हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व मंत्री जीएस बाली का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। दिल्ली एम्स में इन्होंने अंतिम सांस ली। जीएस बाली 67 वर्ष के थे। वह पिछले कुछ समय से लगातार अस्वस्थ चल रहे थे और एम्स में उपचाराधीन थे। उनका पार्थिव शरीर एयर एंबुलेंस के माध्यम से उनके पैतृक घर नगरोटा लाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके बेटे रघुवीर सिंह बाली ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से उनके निधन की सूचना दी।
27 जुलाई 1954 को जन्मे जीएस बाली नगरोटा बगवां से चार बार विधायक और दो बार मंत्री रहे। जीएस बाली ने 1998 में पहली बार कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे। उसके बाद 2003, 2007 और 2012 में भी विधायक बनने का मौका मिला। वह वीरभद्र सरकार में मंत्री भी रहे। हालांकि, साल 2017 में हुए चुनाव में उन्हें BJP के प्रत्याशी अरुण मेहरा कूका से शिकस्त मिली। बाली साल 2003 में ही परिवहन मंत्री भी रहे। वह कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर के मंत्री माने जाते थे और वह हमेशा से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की भी महत्वकांक्षा रखते थे।
वह दुनिया में रहे या न रहे लोगों के दिलों में रहेंगे हमेशा
जीएस बाली के बेटे रघुबीर सिंह बाली ने पिता की मौत की जानकारी दी। बड़े ही दुखद मन से सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे पूजनीय पिताजी और आप सबके प्रिय जीएस बाली जी अब हमारे बीच नहीं रहे। बीती रात उन्होंने दिल्ली स्थित एम्स में आखिरी सांस ली। मेरे पिताजी हमेशा कहते थे, “जीएस बाली दुनिया में रहे या न रहे वह अपने लोगों के दिलों में हमेशा रहेगा”। पिताजी भले ही दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके आदर्श और मार्गदर्शन हमारे और आपके दिलों में हमेशा कायम रहेंगे।
कांग्रेस काे एक और बड़ा झटका
कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद एक और कद्दावर नेता का निधन होने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा से वह वरिष्ठ नेता थे। मंडी उपचुनाव में वह बतौर प्रभारी थे, लेकिन उसके बाद से वह अस्वस्थ चल रहे थे। बताया जा रहा है कि एम्स में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। शुक्रवार रात को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, इसके बाद उन्होंने अंतिम सांस की।
हिमाचल नागरिक सुधार सभा के संस्थापक मुखिया
जीएस बाली के निधन पर नगरोटा बगवां, कांगड़ा समेत समूचे हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर है। पूर्व मंत्री बाली के चाहने वाले तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलते ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए। जीएस बाली के चाहने वाले तमाम लोग सदमे में हैं। वह हिमाचल नागरिक सुधार सभा के संस्थापक मुखिया भी थे। साथ ही हिमाचल सोशल बॉडी फेडरेशन के पहले उपाध्यक्ष, फिर अध्यक्ष भी रहे। बाली ने1990 से लेकर 1997 तक अखिल भारतीय कांग्रेस विचार मंच के संयोजक की भूमिका भी निभाई। इसके अलावा 1995 से 1998 तक कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 1993 से 1998 तक सह-सचिव की जिम्मेदारी उनके पास थी।