विवादों का ओलिंपिक संघ:आईओए के अध्यक्ष-महासचिव की लड़ाई में बिखर गया राजस्थान ओलिंपिक संघ
जयपुर जनार्दन सिंह गहलोत ने 40 साल तक राजस्थान ओलिंपिक संघ पर राज किया। किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि उनके सामने कोई कुछ बोल सके। खुल कर कभी किसी ने विरोध नहीं किया। कहीं से कभी कोई विरोध हुआ भी तो वे समझा-बुझा कर सबको शांत कर देते थे। उनके निधन को अभी छह महीने ही हुए हैं कि राजस्थान ओलिंपिक संघ बिखर गया है।
राजस्थान ओलिंपिक संघ में इस बिखराव का सबसे बड़ा कारण हैं भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र बत्रा और महासचिव राजीव मेहता। अपने-अपने फायदे के लिए दोनों ने राजस्थान ओलिंपिक संघ को अलग-अलग गुटों में बांटने का काम किया है। रविवार को बत्रा समर्थित अरुण सारस्वत गुट की एजीएम बुलाई गई थी। इसमें चार पदों अध्यक्ष के लिए अजीत सिंह राठौड़, चेयरमैन के लिए धनराज चौधरी, उपाध्यक्ष के लिए केके शर्मा और कार्यकारिणी सदस्य के लिए तेजस्वी गहलोत को निर्विरोध चुन लिया गया।
इससे पहले राजीव मेहता समर्थित गुट ने भी इन चार पदों पर अपने पदाधिकारी चुने थे। साफ है कि राजस्थान ओलिंपिक संघ अब दो गुटों में बंट गया है। दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। ये सब हो रहा है आईओए के अध्यक्ष बत्रा और महासचिव मेहता के इशारे पर। असल में भारतीय ओलिंपिक संघ के भी दिसंबर में चुनाव होंगे। वहां ये दोनों ही आमने-सामने हो गए हैं। इससे अपने-अपने फायदे के लिए ये ऐसा कर रहे हैं। दोनों में पत्राचार भी लगातार हो रहा है।
जनार्दन सिंह गहलोत 40 साल तक अध्यक्ष रहे, कभी नहीं टूटा आरओए
अरुण सारस्वत से जब पूछा गया कि आपकी इस मीटिंग को तो आईओए के आर्बिट्रेटर बीसी कांडपाल ने देर रात ही अवैध घोषित किया है। उन्होंने कहा, आईओए महासचिव राजीव मेहता ने अपने नजदीकी मित्र को ही आर्बिट्रेटर नियुक्त कर दिया है। आईओए अध्यक्ष बत्रा ने उन्हें आर्बिट्रेटर बनाए जाने को डिसमिस करने के आदेश दिए थे और आईओए के आर्बिट्रेशन कमीशन को लिख दिया था। ऐसा कैसे हो सकता है कि 29 को आर्बिट्रेटर नियुक्त हो और 30 को वह आदेश दे दे। नियुक्ति का अधिकार अध्यक्ष के पास होता है।
आनंदेश्वर पांडे को किसने ऑब्जर्वर नियुक्त किया
ऑब्जर्वर हरिओम कौशिक ने कहा कि आनंदेश्वर पांडे को किसने ऑब्जर्वर नियुक्त किया। इसके लिए आईडी नानावती की अध्यक्षता में कमेटी बनी हुई है वह ही ऑब्जर्वर नियुक्त करती है। पांडे खुद की ऑब्जर्वर बन कर आ गए। क्या उन्हें इस कमेटी ने नियुक्त किया था।
26 जिला ओलिंपिक संघ और 31 राज्य खेल संघों के समर्थन का दावा
आज की आमसभा में 26 जिला ओलिंपिक संघ के और 31 राज्य खेल संघों के पदाधिकारियों के उपस्थित होने का दावा किया गया है। यह भी दावा किया गया है कि बहुमत उनके साथ है। ऐसा ही दावा मेहता समर्थित गुट की जनरल बॉडी में भी किया गया था।
असली लड़ाई, भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनाव में वोट कौन देगा इसकी
राजस्थान ओलिंपिक संघ में असली लड़ाई यह है कि भारतीय ओलिंपिक संघ के दिसंबर में होने वाले चुनाव में वोट कौन देगा। अध्यक्ष बत्रा की ओर से अलग वोटिंग लिस्ट जारी होगी और मेहता की ओर से अलग से वोटिंग लिस्ट जारी होगी। मामला कोर्ट में भी जा सकता है। बाद में चुनाव अधिकारी ही फाइनल फैसला करेगा कि किस-किस को आईओए के चुनाव में वोट देने का अधिकार होगा।
आर्बिट्रेशन कमीशन ने नियुक्त किया आर्बिट्रेटर
- आओए का आर्बिट्रेशन कमीशन जनरल हाउस ने बनाया है। कांडपाल को उसी ने आर्बिट्रेटर नियुक्त किया था। उनके आदेश को ये कैसे नकार सकते हैं। जो आरोप लगा रहे हैं उन्होंने तो खुद एक दिन में राज्य में आर्बिट्रेटर नियुक्त कर दिया था जबकि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था।-अनिल व्यास, चेयरमैन, मेहता समर्थित गुट