उपचुनाव के नतीजों पर सियासी वार-पलटवार:गहलोत बोले-पहली बार सत्ताधारी पार्टी लगातार उपचुनाव जीत रही,पूनियां ने कहा-हार से सबक लेंगे
वल्लभनगर और धरियावद दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में जीत के बाद पीसीसी में कांग्रेस नेताओं ने एक दूसरे का मुंह मीठा करवाकर जश्न मनाया। साथ ही बीजेपी को नसीहत दी कि वो इस बुरी हार के लिए आत्म मंथन करे और जिम्मेदारी तय करे। डोटासरा ने तंज कसा है कि बीजेपी नेता और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ जहां भी जाते हैं अपनी ही पार्टी बीजेपी की सुपारी लेकर जाते हैं। एक सीट पर तो राठौड़ ने ही कांग्रेस का काम आसान कर दिया। उन्होंने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि धनतेरस का दिन कांग्रेस के लिए अच्छा आया। दोनों उपचुनाव में कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। बीजेपी दूसरे नम्बर की लड़ाई लड़ रही थी,लेकिन उसमें कायमाब नहीं हो सकी। रिजल्ट को उन्होंने गहलोत सरकार की गुड गवर्नेंस और कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा बताया। वहीं गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ है कि सत्ताधारी पार्टी लगातार उप चुनाव जीत रही है। दूसरी ओर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने दार्शनिक अंदाज में ट्वीट कर हार को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि हार स्वाभाविक, परिस्थितियों और स्थानीय समीकरणों,मुद्दों पर निर्भर है। इतना ही नहीं उन्होंने पार्टी में उठने वाली आवाजों से पहले ही नसीहत दे दी कि जब बीजेपी सत्ता में थी तो हम उपचुनावों में पराजय से सबक लेकर आगे बढ़े हैं,वैसे ही फिर सबक लेकर आगे बढ़ेंगे।
राजस्थान के इतिहास में पहली बार सत्ताधारी पार्टी उपचुनाव में लगातार जीत रही-गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपचुनाव में जीत पर कहा है कि राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सत्ताधारी पार्टी उपचुनावों में लगातार जीत रही है। 2018 विधानसभा चुनावों के बाद प्रदेश में 8 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए हैं, जिनमें से कांग्रेस 6 पर विजयी रही है। परम्परागत तौर पर NDA की रही 2 सीटों पर कांग्रेस मामूली अंतर से हारी। उन्होंने ट्वीट कर यह भी कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में 8 विधानसभा उपचुनाव हुए थे, जिनमें से महज 2 यानी कि 25 फीसदी ही भाजपा जीत सकी थी। जबकि हमारी सरकार के अभी तक के कार्यकाल में हुए 8 चुनावों में से 6 में कांग्रेस जीती है, यानी कांग्रेस की सफलता की रेट 75 फीसदी है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि यह विजय दिखाती है कि हमारी सरकार के सुशासन और जनकल्याण की नीतियों पर जनता को पूरा विश्वास है। इसी तरह भविष्य में भी हम जनता का भरोसा बनाए रखने में कामयाब होंगे।
2023 में भी फिर बनाएंगे कांग्रेस सरकार
पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि उपचुनाव में एंटी इनकंबेंसी के कारण विपक्ष की जीत की संभावना रहती है,लेकिन बीजेपी को यह मौका नहीं मिल पाया। जनता में केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है और राज्य की कांग्रेस सरकार की लोकप्रियता है। उपचुनाव में जीत के बाद 2023 में भी फिर से हमारी कांग्रेस सरकार बनने जा रही है। डोटासरा ने आरोप लगाया कि बीजेपी में अंदरूनी कम्पीटिशन चल रह है। बीजेपी विपक्ष में रहकर भी जनता के मुद्दे नहीं उठा सकी। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनियां ने स्वीकार किया है मौजूदा मुद्दों पर चुनाव हुए हैं।
राठौड़ जहां भी जाते हैं अपनी ही पार्टी की सुपारी लेकर निकलते हैं-डोटासरा
डोटासरा ने सियासी तंग कसते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया कुछ भी बोल जाते हैं।जबकि राजेन्द्र राठौड़ जहां भी जाते हैं वहां उनकी पार्टी का बंटाधार हो जाता है। एक सीट पर तो उन्होंने ही कांग्रेस की राह आसान कर दी। राजेन्द्र राठौड़ अपनी ही पार्टी की सुपारी लेकर निकलते हैं। उन्होंने कहा बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने अपने लेवल पर प्रत्याशियों के नाम तय किए और प्रदेश के बीजेपी नेताओं को पूछा तक नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि वल्लभनगर की टिकट का बीजेपी में कितने में क्या हुआ, यह सब जानते हैं। जब कोई पार्टी अपने ही नेताओं को नहीं पूछे तो उस पार्टी का खात्मा तय है। भाजपा पहले अपने संगठन में हार की जिम्मेदारी तय करे।
यह जीत गहलोत सरकार के विकास का परिणाम-डोटासरा
डोटासरा ने ट्वीट भी किया है कि सोनिया गांधी,राहुल गांधी के कुशल नेतृत्व और प्रभारी अजय माकन के मार्गदर्शन में संगठन क्षमता से पार्टी हमेशा मजबूत हुई है। वल्लभनगर और धरियावद में पार्टी की प्रचंड जीत जनता में कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों पर मोहर है। डोटासरा ने आगे लिखा कि यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार की विकास के लिए प्रतिबद्धता का परिणाम है। वल्लभनगर से प्रीति शक्तावत और धरियावद से नगराज मीणा को विधायक चुने जाने पर डोटासरा ने बधाई दी। साथ ही सभी वोटर्स और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दिल से आभार जताया।
हार स्वाभाविक,परिस्थितियों और स्थानीय समीकरणों,मुद्दों पर निर्भर-पूनियां
वहीं दूसरी ओर बीजेपी खेमे में इस करारी हार के बाद सन्नाटा पसरा है। जिसे चीरते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने दो ट्वीट दार्शनिक अंदाज में किए। पूनियां ने लिखा कि यह पराजय स्वाभाविक है। परिस्थितिजन्य है और स्थानीय समीकरण और मुद्दों पर निर्भर थी। उन्होंने कहा कि हमें मनोबल और आत्मविश्वास बनाए रखते हुए, आलोचना से बचते हुए,सीख और सबक लेकर आगे बढ़ना है। पूनियां ने पिछली बीजेपी सरकार का दौर भी याद दिलाते हुए लिखा है कि जब हम सत्ता में थे, तब भी हम उपचुनावों में पराजय से सबक लेकर आगे बढ़े हैं।
संघर्ष पथ पर जो भी मिले,यह भी सही वो भी सही-पूनियां
पूनियां ने अपने दूसरे ट्वीट में कुछ पंक्तियां कवि के अंदाज में लिखी – क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं, संघर्ष पथ पर जो मिले यह भी सही वह भी सही। इसके साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं का आभार और जनता को धन्यवाद दिया।