सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे पायलट:संगठन में पद मिलने की संभावना; मंत्रिमंडल फेरबदल में शेयरिंग फार्मूला लागू होगा
जयपुर मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों से पहले कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान कांग्रेस के दोनों गुटों की बात सुनने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद आज दोपहर सचिन पायलट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली में 10 जनपथ पहुंचे हैं। पायलट राजस्थान कांग्रेस से जुड़े मुद्दों को लेकर सोनिया गांधी से बात करेंगे। पायलट अपने साथ कुछ रिपोर्ट्स भी लेकर गए हैं। इस मुलाकात में पायलट अपने समर्थकों की मंत्रिमंडल और सरकार में हिस्सेदारी को लेकर भी बात कर सकते हैं। इस मुलाकात को सचिन पायलट को संगठन में जिम्मेदारी दिए जाने से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
पायलट लंबे अरसे बाद सोनिया गांधी के साथ वन टू वन चर्चा करेंगे। गहलोत के बाद सचिन पायलट का सोनिया गांधी से मिलने को राजस्थान के आगे के सियासी घटनाक्रम के हिसाब से काफी अहम माना जा रहा है। इसे सचिन पायलट को संगठन में नई जिम्मेदारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
दो दिन पहले ही सचिन पायलट संगठन महासचिव केसी वेणुगेापाल से मिलकर अपनी बात कह चुके हैं। सचिन पायलट सोनिया गांधी से मिलकर अपने मुद्दे रखेंगे। पिछले साल बगावत से वापसी के बाद सुलह कमेटी में तय हुए मुद्दों के अब तक समाधान नहीं होने की बात भी रखेंगे। सचिन पायलट सोनिया गांधी के सामने विपक्ष में रहकर कांग्रेस के लिए फील्ड में काम करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को सरकार में पद देने का मुद्दा रखेंगे।
जानकारों के मुताबिक हाईकमान अब राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों में शेयरिंग फार्मूला लागू करना चाहता है। ताकि गहलोत और पायलट खेमे के नेताओं के बीच खींचतान कम हो सके। मंत्रिमंडल फेरबदल में देरी की वजह खींचतान थी, जिसे अब दूर करने के लिए बड़े मुद्दों पर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है।
अब दो साल से भी कम समय बाद पार्टी को चुनाव में जाना है, इसलिए मंत्रिमंडल फेरबदल से लेकर सरकार स्तर पर होने वाली नियुक्तियों तक में दोनों खेमों को सहमत करने पर जोर दिया जा रहा है।
शेयरिंग फॉर्मूले पर प्रियंका की मौजूदगी में गहलोत से चर्चा हो चुकी
मंत्रिमंडल और सरकार में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों में सचिन पायलट कैंप बराबर की हिस्सेदारी चाहता है। सुलह कमेटी के सामने भी पायलट ने इसकी मांग रखी थी। पायलट और गहलोत कैंप के नेताओं के लिए मंत्रिमंडल और सरकार की नियुक्तियों के लिए शेयरिंग फार्मूला तैयार किया गया है।
इस फार्मूले पर कई बार बैठकें हो चुकी है। 10 नवंबर और 16 अक्टूबर को राहुल गांधी के आवास पर प्रियंका गांधी की मौजूदगी में सीएम अशोक गहलोत, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन राजस्थान के मुद्दों पर चर्चा कर चुके हैं। दोनों ही बैठकों में पायलट और गहलोत गुट की खींचतान कम करने के लिए शेयरिंग फार्मूला फोकस में रहा था।
गहलोत अपनी रिपोर्ट दे चुके, अब पायलट की बारी
मंत्रिमंडल फेरबदल और सरकार में खाली पड़े बोर्ड निगमों में होने वाली नियुक्तियों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस हाईकमान को अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं। गहलोत ने कल सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कहा था कि मंत्रिमंडल फेरबदल पर मुझसे जो रिपोर्ट मांगी उसे ब्रीफ किया जा चुका है। हमने हाईकमान पर फैसला छोड़ दिया है। हाईकमान जो फैसला करेगा वह मंजूर होगा। गहलोत के बाद सोनिया गांधी ने आज सचिन पायलट को मिलने का समय दिया है। सोनिया गांधी सचिन पायलट से भी उनकी राय और फीडबैक सुनेंगी।
दो दिन से सचिन पायलट मांगों पर मुखर, आज सोनिया से मुलाकात
सचिन पायलट केसी वेणुगोपाल से मिलने के बाद अपनी मांगों को लेकर खूब मुखर हैं। पायलट ने विपक्ष में रहकर कांग्रेस के लिए संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं को राज में भागीदारी की मांग उठाई है। यही मांग वे सरकार बनने के समय से उठाते रहे हैं। पायलट की इस मुखरता की टाइमिंग और सियासी मायनों को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं।
समर्थकों को हिस्सेदारी के साथ पायलट की खुद की भूमिका भी तय होनी है
मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों के अलावा सचिन पायलट की खुद की भूमिका भी तय होनी है। सचिन पायलट को संगठन में पद देने पर लंबे समय से चर्चा है, लेकिन यह पद राजस्थान में होगा या राजस्थान से बाहर इस पर फैसला होना बाकी है।
आज की मुलाकात को पायलट की अगली भूमिका से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जाता है कि मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद सचिन पायलट की भूमिका भी तय हो जाएगी, पायलट को संगठन में पद दिया जा सकता है।