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यहां मां ने कलेजे के टुकड़े को बेदर्दी से फेंका खेत में, नवजात अस्पताल में भर्ती,चल रहा है इलाज

काशीपुर  : जाको राखे साइयां मार सके ना कोय, कहावत किसी सत्य ही में लिखी है मासूम नवजात बच्चे को जीवन से उठाने वाले की अपेक्षा जीवन देने वाला ज्यादा यहां अभी रहा जिसका नतीजा मासूम नवजात की जान बचाई जा सकी। जिन बच्चों के लिए आम लोगों के हाथ दुआओं के लिए उठते हैं वही कलयुगी मां ने पैदा होते ही बड़ी ही क्रूरता से ममता का गला घोंटकर खेत में फेंक दिया गया। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली इस घटना से एक बार फिर देवभूमि को कलंकित किया है। कपड़े में लपेट कर नवजात बच्चे के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया ओर बच्चे के पैदा होते ही मरने के लिए छोड दिया गया अपराध पर अपराध करते हुए

इस कलयुगी मां ने बच्चे की सांसे ना चलें और उसकी रोने की आवाज किसी के कानो तक सुनाई ना दे इसलिए उसके मुंह में कपडा ठूंस दिया गया। मगर बच्चे की किस्मत में शायद कुछ और ही लिखा था। इसलिए खेत में फेंका गया बच्चा एक व्यक्ति को दिखाई दिया कपडे मे लिपटा और छटपटाहट का वो दृश्य देख ग्रामीण ने लोगों को बुलाकर कपड़ा हटाया तो सभी हैरत में पड़ गए। क्योंकि कपड़े में लिपटा हुआ एक नवजात शिशु था। तुरंत स्थानीय लोगों ने उसको सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका इलाज चल रहा है।
घटनाक्रम के अनुसार काशीपुर के ढकिया गुलाबो गांव की है। जहां खेत में एक नवजात बच्चे को कोई अज्ञात फेंक कर चला गया। जिसे गांव के ही प्रमोद कुमार अपने खेत पर काम करने जा रहे थे तो उन्होंने देखा। वहीं पुलिस ने बताया कि सूचना मिलने पर तत्काल डॉक्टरों की टीम बुलाकर बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और बच्चे को सकुशल सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया है।
इस अभागे नवजात की स्थिति को देखते हुए पूरा अस्पताल महकमा एक पांव पर खड़ा होकर इस खूबसूरत नवजात को गहन चिकित्सा
निगरानी में रखे हुए हैं बहरहाल नवजात को अब प्रियांश नाम दिया गयाा है इस बीच उस को गोद लेने के लिए 5 दर्जन सेे अधिक लोग अस्पताल में आ चुके हैं जिन्हें कानूनी प्रक्रिया बताते हुए उन्हें वापस भेज दिया गया है।

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