भोपाल । हजारों छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं देने और नई शिक्षा में निजीकरण को बढ़ावा दिए जाने के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) गुरुवार को भोपाल में मुख्यमंत्री आवास के घेराव करने निकला है। इसमें प्रदेशभर से संगठन पदाधिकारी और कार्यकर्ता हिस्सा शामिल हैं। शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन प्रदेश अध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी के नेतृत्व में शिवराज सरकार की छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की योजना है। इसके लिए आज दोपहर बारह बजे राजधानी में लिंक रोड-1 पर स्‍थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर जुटे भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के कार्यकर्ता। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सहित वरिष्ठ नेता भी पार्टी कार्यालय पहुंचे। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के कार्यक्रम में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, लखन घनघोरिया, कुणाल चौधरी, विपिन वानखेड़े सहित अन्य विधायक भी हैं मौजूद।

यहां पर एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कमल नाथ ने कहा कि सिर्फ झंडे बैनर पोस्टर और नारे लगाने से कुछ नहीं होने वाला है। अपनी इस ऊर्जा को कांग्रेस संगठन को मजबूत करने में लगाएं। आप प्रदेश का भविष्य हैं। हर कॉलेज में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की इकाई होनी चाहिए। आपका यदि यह जोश बरकरार रहता है तो दो साल बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस का झंडा लहराने से कोई नहीं रोक सकता है।इसके बाद रैली की शक्‍ल में बड़ी संख्‍या में एनएसयूआइ कार्यकर्ता मुख्‍यमंत्री आवास का घेराव करने निकले। इस प्रदर्शन में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, प्रदेश अध्यक्ष मंजूल त्रिपाठी भी हैं मौजूद। पुलिस बल ने उन्हें बैरिकेड्स लगाते हुए रेडक्रॉस चौराहे पर रोका। इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-वितर करने के लिए हल्‍का बल प्रयोग भी किया।संगठन के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश प्रभारी नितिश गौड़ ने कहा कि देश में शिक्षा व्यवस्था बदहाल होती जा रहा है। इसको लेकर ‘शिक्षा बचाओ देश बचाओ” अभियान प्रारंभ किया गया था। सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। अब मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। कोरोना काल में सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं दी। हजारों विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में कटौती कर दी। इसकी वजह से निम्न आय वर्ग के विद्यार्थियों को स्कूल व कालेज का शुल्क जमा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। देश में शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में ऐसे प्रविधान किए गए हैं, जिससे शिक्षा संस्थानों को मनमानी फीस वसूलने की छूट मिल गई है। इसके विरोध में गुरुवार को प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।