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प्रशासन गांव के संग शिविर

सवाई माधोपुर करीब 22 वर्ष से अपनी खातेदारी कृषि भूमि को प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे किसानों को आखिरकार अपना हक मिल ही गया। हलौंदा गांव में आयोजित प्रशासन गांव के संग शिविर में राजस्व रिकॉर्ड की जांच कर वर्ष 1999 में सेटलमेंट के दौरान सिवायचक दर्ज हुई 822 बीघा 3 बिस्वा भूमि को सिवायचक से खातेदारी में दर्ज किया गया। परिवादी हलौंदा गांव निवासी मोती लाल पुत्र जंसीराम बैरवा ने बताया कि वर्ष 1954 को हलौंदा गांव के पास स्थित जमीन को बरवाडा़ ठिकानेदार द्वारा बैरवा समाज के किसानों को खेती के लिए दी थी। तभी से वे खेती करते चले आ रहे हैं।

बाद में लैंड रेवेन्यू एक्ट के अंतर्गत राजस्व विभाग द्वारा आवंटन की कार्यवाही प्रत्येक व्यक्ति को 15 बीघा भूमि आवंटन कर उनको दे दी गई। लेकिन वर्ष 1999 में हुए सेटलमेंट में 589 बीघा 9 बिस्वा रकबा सिवायचक कम कर दिया गया। इस मामले में भू प्रबंध अधिकारी टोंक की रिपोर्ट तलब की गई। भू प्रबंध विभाग की रिपोर्ट के अनुसार ग्राम हलौंदा तहसील सवाई माधोपुर की राजस्व जमाबंदी के अनुसार इस ग्राम का कुल रकबा 3337 बीघा 10 बिस्वा है।

इसमें से भू प्रबंध कार्यालय के आदेश 282 दिनांक 19.9.1999 से इस ग्राम का कुल रकबा 822 बीघा 3 बिस्वा ओवर लेपिंग की वजह से कम कर 2515 बीघा 7 बिस्वा रखा है। प्रशासन गांव के संग अभियान शिविर में रिपोर्ट तैयार की गई। रिपोर्ट के अनुसार संबंधित खसरा नंबर की जांचकर पूर्व में सिवायचक दर्ज हुई जमीन को खातेदारी में दर्ज किया गया। इस अवसर पर शिविर में खंडार विधायक अशोक बैरवा, एसडीएम कपिल शर्मा सहित राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद थे। वर्षों बाद कृषि भूमि पर मालिकाना हक मिलने के हलौंदा के किसानों ने खंडार विधायक अशोक बैरवा, एसडीएम कपिल शर्मा सहित अन्य अधिकारियों का आभार जताया।

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