मंत्रियों को नया टास्क:15 दिसंबर से सप्ताह में तीन दिन दो-दो मंत्री करेंगे पीसीसी में जनसुनवाई, जिलों में जाने से पहले संगठन को देनी होगी सूचना
जयपुर मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद अब गहलोत सरकार के मंत्रियों को जनता से जुड़ने और लोगों की समस्याओं को सुनने का टास्क दिया है। मंत्रियों को जिलों के दौरे पर जाने से दो दिन पहले स्थानीय कांग्रेस संगठन को सूचना देनी होगी।कांग्रेस मुख्यालय में आज हुई बैठक में सीएम, प्रदेश प्रभारी और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने मंत्रियों को नए टास्क के बारे में बता दिया है। सीएम ने मंत्रियों को संगठन के निर्देश मानने के साथ जनता से जुड़ने की नसीहत दी है। मंत्रियों को 15 दिसंबर से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बैठकर लोगों की समस्याएं सुनकर उनका समाधान करना होगा। सोमवार से बुधवार तक सप्ताह में तीन दिन मंत्री जनसुनवाई करेंगे। हर दिन दो दो मंत्री पीसीसी में रहेंगे। मंत्रियों को अपने सरकारी बंगलों पर भी हर दिन जनसुनवाई करने को कहा है।
फरवरी 2020 से बंद है पीसीसी की जनसुनवाई
पीसीसी में कोरोना की पहली लहर के समय से ही जनसुनवाई बंद है। फरवरी 2020 के बाद पीसीसी में मंत्रियों की जनसुनवाई नहीं हुई। 2020 में पहले कोराना और फिर सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद सियासी संकट और आपसी खींचतासन के कारण जनसुनवाई बंद रही। सचिन पायलट के प्रदेशाध्यक्ष रहते समय मंत्रियों की जनसुनवाई शुरू की गई थी।
डोटासरा बोले- मंत्री जनसुनवाई की होगी मॉनिटरिंग
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, 15 दिसंबर से पीसीसी में म्ंत्रियों की जनसुनवाई शुरू होगी। मंत्री जनसुनवाई में जो भी शिकायतें आएंगी उनके समाधान का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा और फॉलोअप भी लिया जाएगा। इसे लेकर मंत्रियों से रिपोर्ट ली जाएगी। इसके अलावा मंत्रियों को कहा गया है कि वे जब भी जिलों के दौरे पर जाएं तो वहां भी संगठन की बैठकें लें।
सरकार की छवि सुधारने की कोशिश
मंत्रियों को जयपुर से लेकर जिलों तक में जनसुनवाई और दौरे करने का टास्क के पीछे सरकार की छवि सुधारने की कोशिश भी है। कांग्रेस ने चुनाव से पहले वादा किया था कि हर मंत्री के दरवाजे जनता के लिए खुले रहेंगे। अब चुनाव में केवल दो साल का समय बाकी है। सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए मंत्रियों को जनता के बीच जाने और लोगों की लगातार समस्याएं सुनने का टास्क दिया है।