कोटद्वार में ट्रेंचिग ग्राउंड की भूमि का मार्ग प्रशस्त
कोटद्वार: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कोटद्वार नगर निगम को ट्रेचिग ग्राउंड के लिए भूमि मिल गई। बुधवार को शासन ने ट्रेचिग ग्राउंड के लिए हल्दूखाता में चयनित वन भूमि के हस्तांतरण पर सहमति जताते हुए इसके लिए विधिवत स्वीकृति जारी कर दी।
वर्ष 2009-10 में कोटद्वार नगर पालिका ने खोह नदी के तट पर अस्थाई ट्रेंचिंग ग्राउंड का निर्माण करवाया गया था। पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के बगैर तैयार किए गए इस ट्रेंचिंग ग्राउंड में तत्कालीन नगर पालिका ने नगर से उठने वाले कूड़े को फेंकना शुरू कर दिया गया। नगर निगम गठित हुआ तो चालीस वार्डों का कूड़ा भी इस अस्थायी ट्रेंचिग ग्राउंड में पड़ने लगा। इधर, नियम विरुद्ध बनाए गए ट्रेंचिंग ग्राउंड से आमजन का जीना मुहाल हो गया व आमजन पिछले एक दशक से इस ट्रेंचिंग ग्राउंड का विरोध कर रहा था
नगर निगम गठन के बाद ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि की तलाश शुरू हुई व जल्द ही नगर निगम ने ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए हल्दूखाता के समीप 0.98 हेक्टेयर वन भूमि चयनित कर ली। पिछले करीब ढ़ाई वर्षों से र्टेचिंग ग्राउंड की फाइल नगर निगम व वन महकमे के मध्य फुटबाल की तरह इस टेबल से उस टेबल पर लुढ़क रही थी। लेकिन, लंबे समय बाद अब वन महकमे ने इस भूमि के हस्तांतरण पर सहमति जताते हुए भूमि नगर निगम के नाम हस्तांतरित कर दी है।
क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने वन भूमि हस्तांतरण को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि ट्रेंचिग ग्राउंड के लिए भूमि मिलने के बाद अब कोटद्वार क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण की बेहतर व्यवस्था बनाई जा सकेगी