अब 6000 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन बढ़ाने का बनेगा रोडमैप,अगले 5 साल का प्लान
जयपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की 2019-2020 के बजट की घोषणा पर 3 फाइनेंशियल ईयर के बाद अब बिजली विभाग ने होम वर्क शुरू किया है। 3 साल तक घोषणा फाइल और कागजों में अटकी रही। घोषणा जल्द से जल्द पूरी करने के लिए रोडमैप तैयार कर इम्प्लीमेंटेशन का काम ठप पड़ा रहा। गहलोत ने 6000 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन बढ़ाने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने 2019-20 बजट पेश करते हुए कहा था कि 2021-22 के बाद बिजली की मांग प्रोडक्शन से ज्यादा हो जाएगी। हमारा सपना है कि सभी घरों की छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगें।
इसीलिए 6 हजार मेगावाट प्रोडक्शन बढ़ाने का टारगेट रखा है। इसके बावजूद 2019-20, 2020-21 और 2021-22 का तीसरा फाइनेंशियल ईयर भी निकलने को है। 17 दिसम्बर के बाद सरकार चौथे साल में जा रही है। अब बिजली विभाग ने स्टेप बाय स्टेप 5 साल का रोडमैप तैयार कर यह प्रोडक्शन बढ़ाने की बात कही है। एसीएस एनर्जी डॉ सुबोध अग्रवाल ने विद्युत भवन में हुई एनर्जी एफिशिएंसी कमेटी की बैठक में इसके निर्देश दिए हैं।
2026-27 तक बिजली की जरूरत,प्रोडक्शन,सप्लाई का होगा आकलन
बिजली विभाग अगले 5 सालों के लिए प्रदेश में बिजली की उपलब्धता,मांग और सप्लाई मैनेजमेंट का रोडमैप बनाएगा। साल 2026-27 तक बिजली की जरूरत,प्रोडक्शन और सप्लाई का पूरा आकलन करवाने के लिए कहा गया है। जॉइंट सेक्रेट्री एनर्जी आलोक रंजन के नेतृत्व में प्लानिंग और कॉर्डिनेशन सेल बनाई है। जो प्रदेश की सभी बिजली कम्पनियों से आपसी कॉर्डिनेशन और कम्यूनिकेशन करेगी।
अगले 8-10 दिन में रोडमैप की आउटलाइन बनेगी
एसीएस माइंस, पेट्रोलियम और एनर्जी डॉ.सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एनर्जी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन के पावर ट्रेडिंग डायरेक्टर पीएस सक्सेना अगले 8-10 दिनों में उत्पादन निगम, तीनों डिस्कॉम, रिन्यूएबल एनर्जी कॉर्पोरेशन और एनर्जी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन समेत संबंधित संस्थाओं के विशेषज्ञ अधिकारियों के साथ तैयारी बैठक कर रोडमैप की आउटलाइन तैयार करेंगे। यह टीम बिजली प्रोडक्शन के परम्परागत सोर्सेज के साथ ही रिन्यूएबल सोर्सेज से सोलर, विंड और बायोमास बिजली की उपलब्ध कैपिसिटी और भावी सम्भावनाओं को भी शामिल करेगी। इसी तरह सभी जिलों में किसानों को खेती के लिए दिन में बिजली देने की बजट घोषणा का भी इम्प्लीमेंटेशन किया जाएगा।
सुस्ती इतनी कि कमेटी की पहली बैठक 2019 में,अगली 2021 में हुई
मुख्यमंत्री की बजट घोषणा पर सुस्ती किस कदर रही इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एनर्जी एफिसिएंसी कमेटी की पहली बैठक जून 2019 में हुई। जबकि जुलाई 21 में अगली बैठक हुई। अब दिसंबर 2021 के आखिर तक विभाग लेवल पर वर्क प्लान फाइनल करने और रोडमैप राज्य सरकार को मुहैया कराने की बात कही गई है। अधिकारियों को कहा गया है कि सरकार की बजट घोषणाओें को ध्यान में रखते हुए प्रैक्टिकली और फ्यूचरिस्टिक रोडमैप बनाया जाए। किसानों को दिन में बिजली देनी है। इसलिए रात में बिजली की मांग कम रहेगी। दिन में ज्यादा मांग बढ़ेगी। रोडमैप को फिजिबल बनाकर डिमांड और सप्लाई पूरी करने वाला बनाया जाए।
बैठक में बिजली उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा, जॉइंट सेक्रेट्री आलोक रंजन, डिस्कॉम एमडी जयपुर नवीन अरोड़ा, डिस्कॉम एमडी अजमेर वीएस भाटी, डिस्कॉम एमडी जोधपुर अविनाश सिंघवी,डायरेक्टर पॉवर ट्रेडिंग और एनर्जी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन पीएस सक्सेना,चीफ इंजीनियर एनर्जी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन मुकेश बंसल, डायरेक्टर ऑपरेशन ट्रांसमिशन नरेन्द्र सुवालका, चीफ इंजीनियर न्यू पावर प्रोजेक्ट रेग्युलेटरी शीला मिश्रा मौजूद रहे