ग्वालियर। एक युवक ने सूदखोरों के भय से सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। जिस समय युवक का अस्पताल में इलाज चल रहा था उस वक्त भी उसके फोन पर सूदखोरों द्वारा धमकी दी जा रही थी। युवक की मौत के बाद स्वजन शिकायत करने के लिए एक थाने से दूसरे थाने भटकते रहे पर देर रात तक उनकी कहीं पर सुनवाई नहीं हुई।

माधवगंज थाना अंतर्गत मामा का बाजार में रहने वाला 42 वर्षीय विकास शिंदे प्राइवेट नौकरी करता था। उसने कुछ लोगों से ब्याज पर पैसा उधार ले रखा था। जिसको लेकर सूदखोर उस पर पैसा वापस करने का दबाव बना रहे थे। सूदखोरों के डर से वह बुधवार की सुबह 6 बजे काम पर जाने की बोलकर घर से निकला था। जब विकास की पत्नी ने सुबह साढ़े 10 बजे उसके फोन पर संपर्क किया तो किसी दूसरे व्यक्ति ने फोन उठाया और बताया कि इस युवक की हालत बहुत खराब है आप जल्द आ जाओ। विकास की पत्नी अपने भाई विशाल के साथ एजी ऑफिस के नीचे पहुंची, जहां पर विकास बेसुध पड़ा था। विशाल का कहना है कि वहां से वह अपने जीजा को उठाकर जेएएच लेकर पहुंचे और भर्ती कर दिया। दोपहर में उनके मोबाइल पर संजीव नामक युवक का फोन आया और उसने धमकी भरे अंदाज में कहा कि तू जहां पर भी है मैं वहां पर आकर तुझसे पैसा वसूल कर लूंगा। जब मैंने पूछा कि आपका कितना पैसा तो उसने बताया कि 60 हजार। इसके बाद मैंने उससे कहा कि वह अस्पताल में भर्ती हैं तो वह बोला कि मैं वहीं पर आकर वसूल कर लूंगा। तब मैंने उससे कहा कि उन्होंने कुछ खा लिया है। इसके बाद उसका फोन नहीं आया। शाम छह बजे मेरे जीजा विकास की इलाज के दौरान मौत हो गई। कंपू पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया, लेकिन मर्ग दर्ज करने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि आप माधवगंज या फिर झांसी रोड थाना जाओ, लेकिन शिकायत कहीं पर दर्ज नहीं की जा रही है।