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बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप: हारकर भी किदांबी श्रीकांत ने जीता दिल, हैदराबाद वापसी पर कोच पुलेला गोपीचंद ने किया जमकर स्वागत

भारत के स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत ने बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में हारकर भी इतिहास रच दिया है। वे सिल्वर मेडल जितने वाले पहले भारतीय शटलर बने हैं. श्रीकांत के हैदराबाद लौटने के बाद उनका जमकर स्वागत किया गया. उनके कोच गोपीचंद ने केक भी कटवाया. इस दौरान श्रीकांत ने कहा कि वह काफी खुश हैं. उन्होंने अपने कोच और माता-पिता का शुक्रिया अदा किया.

श्रीकांत ने बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल मैच को लेकर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि फाइनल में कहाँ चूक हुई समझ नहीं आया. इसके साथ-साथ श्रीकांत ने कहा कि वे आगे और मेहनत करेंगे.

श्रीकांत ने शनिवार को हमवतन लक्ष्य सेन पर जीत के बाद चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बनकर इतिहास रचा था. 28 साल के श्रीकांत विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर थे. इससे पहले चैम्पियनशिप में भारत के तीन पुरुष खिलाड़ियों ने मेडल जीते हैं.

दिग्गज प्रकाश पादुकोण मे 1983 में और बी साई प्रणीत ने 2019 में मेंस सिंगल्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इसी साल लक्ष्य सेन ने कांस्य पदक जीता है. लक्ष्य को ही सेमीफाइनल में हराकर किदांबी फाइनल में पहुंचे थे. भारत के लिए पीवी सिंधु ने विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में सबसे अधिक 5 मेडल जीते हैं.
श्रीकांत मेंस सिंगल्स के फाइनल में सिंगापुर के लोह कीन यू ने सीधे गेम में शिकस्त दी. श्रीकांत ने हारकर भी इतिहास रच दिया. क्योंकि वह विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर बन गए. श्रीकांत 43 मिनट तक मुकाबले को 15-21, 20-22 से हार गए.

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