मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान हंगामा हो गया। इसकी वजह से कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई है। लेकिन जब सदन दुबारा शुरू हुआ तो हंगामे के चलते अध्यक्ष ने कार्यवाही निश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

प्रश्नकाल शुरू होते ही पीसी शर्मा ने भोपाल में एक हजार ज्यादा लोगों के लिए ठंड से बचने का इंतजाम करने का मुद्दा उठाया। वहीं कांगेस के ही ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि बजट में प्रदेश की 22 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति के लिए कोई प्रविधान नहीं किया गया है। यह सरकार आदिवासी विरोधी है। वहीं, एन प्रजापति ने कहा कि सदन नियम प्रक्रिया से नहीं चलाया जा रहा है। इसको लेकर संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य प्रश्नकाल को लगातार बाधित कर रहे हैं। यह सब बातें प्रश्न काल के बाद उठाई जानी चाहिए। कांग्रेस पक्ष शुरुआत से ही प्रश्न काल को बाधित करने का काम कर रही है। उनकी मंशा आम जन के विषय उठाने की नहीं है। जब अनुपूरक बजट पर चर्चा हो रही थी तब इनके सदस्यों ने यह बात क्यों नहीं उठाई। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी इस पर आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि प्रश्न काल में अधिकांश प्रश्न कांग्रेस पक्ष के लगे हैं। इसके बाद भी प्रश्न नहीं पूछे जा रहे हैं। यह परिपाटी ठीक नहीं है और उन्होंने प्रश्न काल को स्थगित कर दिया।चुनाव किसी की जिंदगी से बड़ा नहीं है। लोगों की जान हमारे लिए पहली प्राथमिकता है। पंचायत चुनाव का जो अनुभव है, जो दूसरे प्रदेशों में हुए थे, उससे काफी नुकसान हुआ था। लोगों की सेहत असर पड़ा था। मेरी व्यक्तिगत राय है कि कोरोना की दहशत और आहट को देखते हुए पंचायत चुनाव को टाला जाना चाहिए।