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मेडिकल कालेज में कैथ लैब बनाने की कार्ययोजना

श्रीनगर गढ़वाल : हृदय रोगियों के उपचार की व्यवस्था को लेकर श्रीनगर मेडिकल कालेज में कैथ लैब स्थापित करने की कार्ययोजना पर कार्य शुरू हो गया है। मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर डा. चंद्रमोहन सिंह रावत ने कैथ लैब का प्रस्ताव तैयार कर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रेषित किया है। कैथ लैब की स्थापना को लेकर प्राचार्य ने दून मेडिकल कालेज के कार्डियोलाजिस्ट डा. अमर उपाध्याय के साथ विस्तृत विचार विमर्श कर उनके सुझाव भी लिए। डा. उपाध्याय ने प्राचार्य डा. रावत को कैथ लैब की स्थापना और हृदय रोगियों के उपचार को लेकर सहयोग का आश्वासन दिया है

प्राचार्य प्रोफेसर डा. चंद्रमोहन सिंह रावत ने कहा कि श्रीनगर में हृदय रोग के उपचार की सुविधा मिल जाने से पहाड़ की जनता को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। श्रीनगर मेडिकल कालेज में कैथ लैब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत की प्राथमिकता में भी है। हृदय रोगियों को एंजियोग्राफी और स्टंटिग उपचार की सुविधा यहीं पर भी मिलने लगेगी। जिसके लिए अभी उन्हें देहरादून, दिल्ली, मेरठ की दौड़ लगानी पड़ती है।

वहीं दूसरी ओर कैथ लैब स्थापना के तो प्रबल आसार बन रहे हैं। लेकिन, हृदय रोगियों का उपचार करने को लेकर कार्डियोलोजिस्ट की तैनाती तभी संभव हो पाएगी जब उनके लिए अतिरिक्त विशेष भत्ता और सुविधाएं भी सरकार प्रदान करेगी। अन्यथा कैथ लैब भी कागजों तक ही सिमट कर रह जाएगी। एमबीबीएस के बाद एमडी और फिर डीएम की डिग्री लेने के बाद ही सुपर स्पेशलिस्ट संवर्ग में डाक्टर कार्डियोलाजिस्ट बन पाता है। जिसके लिए जरूरी है कि उन्हें अतिरिक्त विशेष भत्ते और सुविधाएं प्रदान कर उन्हें अस्पताल में नियुक्त किया जाए तभी कैथ लैब की सार्थकता भी सिद्ध हो पाएगी।

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