स्वास्थ्य निदेशक केके शर्मा को हटाकर वी.के. माथुर को बनाया; ड्रग कंट्रोलर राजाराम को किया एपीओ
जयपुर राजस्थान में मंत्रिमंडल में बदलाव के साथ ही अब उन लोगों की धीरे-धीरे छुट्टी हो रही है, जो कभी मंत्री के खास हुआ करते थे। स्वास्थ्य विभाग में भी ऐसा ही देखने को मिला है। गत 21 नवंबर से मंत्री पद से हटने के बाद डॉ. रघु शर्मा के कई फैसलों को नए हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा बदल चुके हैं। पिछले साल नवंबर में डॉक्टर्स के तबादलों को निरस्त करने के बाद अब मीणा ने स्वास्थ्य विभाग के निदेशक पद और औषधि नियंत्रक (ड्रग कंट्रोलर) के पद पर बदलाव किया है।
इन दोनों पर तैनात अधिकारी पूर्व मंत्री रघु शर्मा के करीबी माने जाते थे। स्वास्थ्य भवन में सबसे प्रमुख पद निदेशक (जन स्वास्थ्य) से कृष्ण कुमार शर्मा की छुट्टी कर दी। शर्मा को हटाकर उनकी जगह वी. के. माथुर को निदेशक बनाया है। केके शर्मा को रघु शर्मा का सबसे करीबी माना जाता था, इसी कारण उन्हें अतिरिक्त निदेशक होते हुए भी निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पद पर लगाया गया था। अब केके शर्मा को इस पद से हटाकर निदेशक ईएसआईसी बनाया गया है। वहीं केके शर्मा से पद में सीनियर वी. के. माथुर जो निदेशक ईएसआईसी के पद पर थे, उन्हें निदेशक (जन स्वास्थ्य) बनाया गया है।
ड्रग कंट्रोलर को किया एपीओ
इधर मंत्री के निर्देश पर ड्रग कंट्रोलर राजस्थान फर्स्ट के पद पर तैनात राजाराम शर्मा को सरकार ने एपीओ कर दिया। नवंबर तक राजाराम शर्मा अकेले राजस्थान के चीफ ड्रग कंट्रोलर थे। ड्रग कंट्रोलिंग शाखा में डीपीसी लम्बे समय से अटकी थी, जो नवंबर के आखिरी दिनों में हुई। इसके बाद अजय फाटक भी असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर से ड्रग कंट्रोलर के पद पर पदोन्नति दी गई। इसके बाद राजस्थान में ड्रग कंट्रोलर के दो पद हो गए। फर्स्ट और सेकेंड। फर्स्ट पर राजाराम को लगाया, जबकि सेकेंड पर फाटक को। काम की पेंडेंसी की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद आज राजाराम को एपीओ कर दिया।