जल जीवन मिशन:प्रदेश के मेगा पेयजल प्रोजेक्ट के लिए सिंचाई के बांधों में आरक्षित होगा पानी
जयपुर प्रदेश में जल जीवन मिशन में हर घर नल कनेक्शन योजना के लिए पानी का इंतजाम करने को लेकर चिंता बढ़ गई है। प्रदेश में 2024 तक सभी घरों तक पाइपलाइन डाली दी जाएगी, लेकिन भूजल में गिरावट को देखते हुए अब सिंचाई के लिए बने बांधों में जलदाय विभाग के लिए पानी आरक्षित किया जाएगा। फिलहाल मेगा प्रोजेक्ट के लिए बांधों में पानी आरक्षित (वाटर रिजर्वेशन) किया जा रहा है।
प्रदेश में सतही जल स्रोतों से व्यर्थ बहकर चले जाने वाले पानी को संरक्षित कर उपयोग में लेने के लिए प्रोजेक्ट बनाया जाएगा। जलदाय मंत्री महेश जोशी व जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत मालवीय ने इसके लिए जलदाय विभाग व जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है।
अगले 3 साल में करने हैं 90 लाख कनेक्शन
जलदाय विभाग के एसीएस सुधांश पंत ने बताया कि जल जीवन मिशन में 2024 तक करीब 90 लाख कनेक्शन देने हैं। इनमें से सतही जल स्रोतों पर आधारित कई मेगा पेयजल प्रोजेक्ट के ‘वाटर रिजर्वेशन’ पर जल संसाधन विभाग के साथ सहमति बनी है। इसके बाद जलदाय विभाग ने कई मेजर प्रोजेक्ट्स में तकनीकी स्वीकृतियों, निविदाओं और कार्यादेश दिए हैं। जेजेएम में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से पेयजल उपलब्ध कराने का प्रावधान है, योजनाओं को इसी आधार पर डिजाइन किया है।
20 मेगा प्रोजेक्ट्स को मिलेगा बांधों से पानी
बीसलपुर से अजमेर जिले की 6, जयपुर की 5 और टोंक के 2 मेगा प्रोजेक्ट को पानी मिलेगा। वहीं चंबल से धौलपुर, अलवर, भरतपुर व सवाईमाधोपुर के 4 प्रोजेक्ट और देवास-तृतीय व देवास-चतुर्थ से उदयपुर-मानसी वाकल तृतीय व चतुर्थ और वहां से उदयपुर व जवाई बांध में डायवर्जन के आधार पर पेयजल प्रोजेक्ट के लिए पानी आरक्षित किया जाएगा।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में दोनों विभागों के संयुक्त प्रयासों से जेजेएम के तहत चार एस्केप रिजर्ववायर बनाने की स्वीकृति मिली है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना से 2054 तक बीकानेर, श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, नागौर, जैसलमेर, बाड़मेर, झुंझुनू, चुरु व सीकर जिलों को पानी देेंगे। चंबल व माही डैम से राजसमंद, उदयपुर, प्रतापगढ़ व चित्तौड़गढ़ जिलों के मेगा प्रोजेक्ट को भी पानी दिया जाएगा।