एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान:एनीमिया मुक्त करौली बनाने में आमजन की भागीदारी जरूरी
करौली एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के तहत जिले को एनीमिया मुक्त करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न जागरूकता गतिविधियां की जाएगी। विभाग ने इसे लेकर आमजन से भी अपील की है कि वे अनीमिया मुक्त करौली बनाने में अपनी भूमिका अदा करें। सीएमएचओ डॉ.दिनेश चंद मीणा ने बताया कि अभियान के तहत छह माह से 19 वर्ष तक के बच्चों को नीली, गुलाबी गोली व सीरप के माध्यम से अनीमिया मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। विफ्स व एनआईपीआई कार्यक्रम के तहत टेबलेट व सिरप की विद्यालय , आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्धता करवाई गई है और इस संबंध में आमजन को जागरूक भी किया जा रहा है। आईएफए की नीली गोली राजकीय विद्यालयों में दस से 19 वर्ष यानी कक्षा छह से 12वीं तक के सभी किशोर व किशोरियों को व विद्यालय नहीं जाने वाली 10 से 19 वर्ष की किशोरी – बालिकाओं के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जा रही है।
यह दवा नहीं बल्कि आयरन स्पलीमेंट है। इसी तरह आईएफए की पिंक गोली राजकीय विद्यालय के एक से पांचवीं कक्षा के सभी बालक-बालिकाओं (पांच से नौ वर्ष) को दी जाती है। वहीं आयरन सिरप छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाती है। इसके साथ ही 15 से 49 वर्ष तक की गर्भवती महिलाओं और सभी धात्री महिलाओं को अनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान से लाभान्वित किया जा रहा है। डिप्टी सीएमएचओ डॉ.सतीश चंद्र मीणा ने बताया कि करौली को एनीमिया मुक्त करना बेहद जरूरी है।