10 मार्च तक हर जनमानस की जुबान पर एक ही सवाल तैर रहा है?, विजय जुलूस का क्या है खाका10 मार्च तक हर जनमानस की जुबान पर एक ही सवाल तैर रहा है?, विजय जुलूस का क्या है खाका
खबर..राजधानी से मंगलवार को उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान 14 Feb. को समाप्त हो गया है। .प्रदेश की पांचवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव के बाद 632 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। इसके साथ ही सियासी हलकों से लेकर हर जनमानस की जुबान पर एक ही सवाल तैर रहा है कि आखिर प्रदेश में किस दल की सरकार बनेगी। बता दें कि मतदान के बाद से राजनेता सियासी गुणा भाग में जुटे हैं और अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। ये जीत के दावे कितने सही बैठेंगे, ये 10 मार्च 2022 को पता चला जाएगा। देवभूमि उत्तराखण्ड की धरती पर चुनावी शोरगुल शान्त होनें के बाद जहाँ आम जनमानस आकड़ों के खेल में उलझा हुआ है,वही विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी मतदाताओं का अपनें कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करनें में व्यस्त है । कांग्रेस व भाजपा दोनों ही प्रमुख राजनीति पार्टियां सरकार बनानें के दावे कर रही है लेकिन यह सब भविष्य तय करेगा कि किसके सर पर ताज सजेगा ।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बन रही है। वही इस दौरान मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए सीएम के पद पर दावेदारी कर रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस नेता और चुनाव समिति के अध्यक्ष हरीश रावत सबसे आगे हैं। वहीं कांग्रेस के बड़े नेता मौजूदा विधायकों और बड़े नेताओं के साथ हल्द्वानी में डेरा डाले हुए हैं। और कई बार पूर्व सीएम हरीश रावत से भी मिल चुके हैं। वहीं हरीश रावत भी सीएम की दावेदारी कर रहे हैं । और अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ने की बात कर रहे हैं। वही सूत्रो की माने तो इस दौरान मतगणना को लेकर भी पुलिस प्रशासन लॉ एंड ऑर्डर के साथ सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता करने मे जुटा है। वही, उत्तराखंड पुलिस प्रशासन सुरक्षा के मद्देनजर 10 मार्च को राजनेताओं की ओर निकले जाने वाले विजय जुलूस को भी अपनी निगरानी में रखने की तैयारी कर चुका है।
बता दे कि .प्रदेश में मतदान हो चुका है। इसके साथ ही 632 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है। वहीं, अब प्रत्याशियों को मतगणना के दिन का इंतजार है। वहीं, इस बार विजयी प्रत्याशियों को विजय जुलूस निकालने के लिए अनुमति लेनी पड़ सकती है। इस दौरान उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि विजय जुलूस का निर्णय संबंधित जिला के डीएम और एसएसपी करेंगे। वे अपने स्थिति के अनुसार ही निर्णय ले सकते हैं। साथ ही बताया कि अगर उन्हें अनुमति नहीं मिलती है तो चुनाव आयोग की गाइडलाइन भी जारी हो सकती है। चुनाव आयोग की गाइडलाइन नहीं आती है तो डीएम और एसएसपी अपने विवेक से निर्णय लेंगे।
सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग के नियम और स्थिति को देखते हुए राजनेताओं को विजय जुलूस निकालने की अनुमति दी जाएगी। अनुमति मिलने के बाद ही नियमों के मुताबिक विजय जुलूस निकाल सकेंगे। उत्तराखंड पुलिस प्रशासन मतगणना के दिन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की सुरक्षा का खाका तैयार कर चुका है। इस खाके में जहां विजय जुलूस भी शामिल है तो वहीं प्रदेशभर में पुलिस फोर्स को बढ़ाने की तैयारी भी है। वही इसी के साथ डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि विजय जुलूस निकालने की अनुमति संबंधित जिला के डीएम या फिर एसएसपी करेंगे।
वहीं, बता दे कि मतदान के बाद राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित तमाम ऐसे दिग्गज और बड़े नेता हैं, जिनका राजनीतिक भविष्य भी इससे तय होगा। इस बार के चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले कम प्रत्याशी मैदान में थे। 14 Feb. सोमवार को मतदान संपन्न होने के साथ ही सभी प्रत्याशियों का भविष्य भी प्रदेश की पांचवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव के बाद 632 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई।
वही वही दुसरी ओर सूत्रो की माने तो उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में मतदान के बाद राज्य में बीजेपी के भीतर चल रही गुटबाजी की भी जानकारी आलाकमान को देंगे। वहीं सूत्रो का कहना है कि सीएम का दिल्ली दौरा काफी अहम है। क्योंकि 10 मार्च के बाद राज्य सीएम को लेकर कई चेहरे सामने आ सकते हैं । हालांकि कहा जा रहा है कि सीएम धामी इससे पहले सभी समीकरणों को साधने और आलाकमान का आशीर्वाद लेने के लिए दिल्ली दरबार पहुंचे हैं। लेकिन इससे पहले धामी अपनी फिल्डिंग पूरी तरह से मजबूत रखना चाहते हैं। इसी के साथ ही राज्य में 10 मार्च को चुनाव के परिणाम सामने आ जाएंगे।