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खंडवा की दर्शिका लौटी, लेकिन अब भी फंसे हैं मध्य प्रदेश के कई छात्र

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच भारतीयों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ मध्य प्रदेश के भी कई स्टूडेंट्स यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इस बीच खंडवा की एक छात्रा यूक्रेन से वापस आने में सफल रही है। हालांकि अभी भी मध्य प्रदेश के कई जिलों के छात्र अभी भी नहीं आ सके हैं। आइए जानते हैं किन-किन शहरों के छात्र यूक्रेन में किस हाल में हैं…

मध्य प्रदेश के खंडवा की दर्शिका श्रीवास्तव यूक्रेन से लौट आई हैं। गुरुवार देर रात यूक्रेन से दुबई होते हुए दिल्ली के रास्ते वह इंदौर पहुंचीं और वहां से अपने घर आ गईं। घर पहुंचते ही दर्शिका का ग्रैंड वेलकम हुआ। परिवार के लोगों ने केक काटा कर अपनी खुशी का इजहार किया। हालांकि दर्शिका अभी भी यूक्रेन में फंसे अपने दोस्तों को लेकर परेशान हैं। दर्शिका ने कहाकि वहां पर हालात बदतर होते जा रहे हैं। युद्ध शुरू होने के बाद फ्लाइट कैंसिल होने से उनके कई दोस्त वहां फंस गए हैं। दर्शिका ने कहाकि कई दोस्त अब भी वहां फंसे हैं, इसके चलते मैं दुखी हूं। दर्शिका ने सरकार से अपील की है कि फ्लाइट के रेट नहीं बढ़ाते हुए पहले अपने लोगों को वहां से किसी भी तरह से वापस आपने वतन लाया जाए।

फंसे हैं रतलाम-मंदसौर के स्टूडेंट, सुनाई दे रही धमाकों की आवाज
यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स में रतलाम की छात्रा वैशाली राठौड़ भी हैं। वैशाली यहां के खारकिव शहर की यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की छात्रा हैं। खारकीव शहर रूसी बॉर्डर से महज 42 किलोमीटर की दूरी पर है। युद्ध के चलते एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं, जिससे परिवार परेशान है। वैशाली के पिता ने रतलाम कलेक्टर से बेटी को वापस बुलाने की गुहार भी लगाई है। वहीं मंदसौर के सचिन प्रजापति पिछले साल मार्च में एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन गए थे। सचिन ने लाइव हिन्दुस्तान से बातचीत में बताया कि वे यूक्रेन के डेनीप्रो शहर में रहते हैं। यह राजधानी कीव से 800 किलोमीटर दूर है। लेकिन कल सुबह उन्हें यहां के मिलिट्री बेस में धमाकों की आवाजें भी सुनाई दी हैं, जिससे वे डरे हुए हैं।

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