Tue. May 20th, 2025

छात्रों ने प्राकृतिक जल स्त्रोतों का किया अध्ययन

उत्तरकाशी : असीगंगा घाटी के राजकीय इंटर कालेज भंकोली में विश्व जल दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस वर्ष की थीम ‘भू-जल को अदृश्य से दृश्यमान बनाना’ पर आयोजित कार्यक्रम में जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिए संकल्प लिया। साथ ही छात्र-छात्राओं को प्राकृतिक जल स्त्रोत का भ्रमण भी कराया गया।

जल स्त्रोतों के भ्रमण कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने स्लोगन लिखे। साथ ही छात्र-छात्राओं को जल संरक्षण संबंधित विविध जानकारी दी गई। इस अवसर पर विज्ञान शिक्षक डा. शंभू प्रसाद नौटियाल ने कहा कि प्राकृतिक जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिए मनुष्य की अनावश्यक दखल अंदाजी को रोककर वनीकरण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। क्योंकि जीव जंतुओं के लिए जल प्रमुख आवश्यकताओं में एक है इसके बिना सभी जीवधारियों का अस्तित्व समाप्त होने में वक्त नहीं लगेगा। हालांकि धरती के करीब तीन चौथाई हिस्से पर पानी ही पानी बसा है, जो महासागरों, बर्फ, झीलों, नदियों और झरनों के रूप में उपलब्ध है, लेकिन इसमें से एक प्रतिशत से भी कम पानी ही ऐसा है, जो पीने लायक है। इसलिए ये काफी जरूरी हो जाता है कि हम पीने लायक पानी की बचत करें, ताकि भविष्य में पानी का गंभीर संकट खड़ा न हो। प्राकृतिक जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस पहल जरुरी है। प्रधानाचार्य कामदेव सिंह पंवार ने कहा कि जल संरक्षण पानी के अनावश्यक उपयोग को कम करना और कुशलतापूर्वक पानी का उपयोग करने की तरीका है। इस अवसर पर शिक्षक सुदीप रावत, सेवाराम पोसवाल, अनुपम ग्रोवर, सुभाष कोहली, स्पन सिंह, दीपेंद्र, पिकी बहुगुणा, मनीषा राणा, अर्चना पोलीवाल आदि सहित छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *