बागेश्वर। राजकीय इंटर कॉलेज वज्यूला में लोक वाद्य यंत्र प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जा रही है। प्रशिक्षण के दूसरे दिन छात्र-छात्राओं को बांसुरी वादन के बेसिक गुर सिखाए गए। उन्हें बांसुरी के विभिन्न प्रकार बता लोक संगीत में इसका महत्व बताया गया।
संस्कृति विभाग की ओर में ईजा संस्था के माध्यम से लोक वाद्य यंत्र प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कराया जा रहा है। मुख्य संदर्भदाता और संस्थाध्यक्ष प्रसिद्ध बांसुरी वादक मोहन चंद्र जोशी ने विद्यार्थियों को बांसुरी के विभिन्न रूप बताए। उन्होंने बांसुरी में स्वर निकालने के प्रारंभिक गुर सिखाए। उन्होंने कहा कि बांसुरी यंत्र को सीखने के लिए काफी मेहनत और समर्पण की जरूरत होती है। अब लोक संगीत का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बांसुरी और हुड़का जैसे यंत्र कॅरिअर निर्माण में भी सहायक सिद्ध हो सकते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से बांसुरी और हुड़का बजाने के लिए नियमित अभ्यास करने के लिए कहा। कहा कि कड़ी मेहनत, लगन, समर्पण से ही संगीत को अपनाया जा सकता है। प्रधानाचार्य आरके मिश्रा ने कहा कि संगीत कई मुश्किलों को आसान बना देता है। राजेश्वरी कार्की, हरीश चंद्र उपाध्याय ने छात्र-छात्राओं से संगीत की गहराई को समझने कर सिखाई जा रही बातों को आत्मसात करने का सुझाव दिया। प्रवक्ता आलोक पांडेय ने संचालन किया।