महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को बताया पानी का महत्व
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में विश्व जल दिवस पर मुख्यमंत्री नवाचार योजना में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विषय विशेषज्ञों, प्रध्यापकों के अलावा 150 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. पुष्पा नेगी एवं वन क्षेत्राधिकारी यशवंत चैहान ने दीप प्रज्जवलित कर संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर वन क्षेत्राधिकारी यशवंत चैहान ने कहा कि हमें विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण करके प्राकृतिक जल स्त्रोतों को रिचार्ज करना चाहिए। उन्होंने छात्र-छात्राओं को इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए योगदान देने की अपील की। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. पुष्पा नेगी ने छात्रों को सामाजिक सरोकारों से जुड़ने का आहवान किया। साथ ही प्रचार-प्रसार के माध्यम से जल संरक्षण पर जोर दिया। कार्यक्रम संयोजक एवं परियोजना के नोडल अधिकारी डॉ हरिओम शरण बहुगुणा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही धरातलीय जल की घटती मात्रा के प्रति भविष्य के लिए चिंतन करने का आग्रह किया। प्राध्यापिका डॉ तनुजा मौर्य ने प्राकृतिक जल के संरक्षण के लिए पारम्परिक एवं सांस्कृतिक मापदंडों को उपयोग में लाने की बात कही। डॉ प्रकाश फोन्दणी ने स्लाइड शो के माध्यम से बताया कि जल संरक्षण एवं वर्षा जल एकत्रण को बढ़ावा देकर सरल ग्रामीण तकनीकियों का उपयोग कर इसे स्वरोजगार से जोड़ा जा सकता है, जिसके लिए उन्होंने कई उदाहरण भी प्रस्तुत किए।
नोडल अधिकारी डॉ नवीन खण्डूड़ी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान कहा गया कि जल संरक्षण के लिए महाविद्यालय में वर्षा के पानी का एकत्रण के लिए टैंक एवं चाल खाल बनाई जायेगी। जिसका मॉडल के रूप में छात्र-छात्राएं अनुसरण करेंगे तथा हैंड बुक मैनुअल भी जानकारी के लिए तैयार किया जायेगा। कार्यक्रम में नवाचार समिति की डॉ ममता सेमवाल, डॉ दिप्ति राणा, डॉ चन्द्रकला, डॉ कनिका, डॉ तनुजा, डॉ दीपाली, डॉ सुधीर पेटवाल, डॉ अनुज, डॉ दलीप बिष्ट, डॉ केपी चमोली, जीतेन्द्र, ममता शर्मा, विष्णु शर्मा, डॉ अंजना ने विशेष सहयोग प्रदान किया