बांधों और जलविद्युत के सतत विकास पर की चर्चा
टीएचडीसी में जल एवं ऊर्जा सुरक्षा के लिए हाइड्रो पावर और बांधों के विकास पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन चल रहा है। सम्मेलन में दूसरे दिन वक्ताओं ने बांधों और जलविद्युत के सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर विचार व्यक्त किए।
शुक्रवार को टीएचडीसी में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन का शुभारंभ अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव विश्नोई ने किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के अंतर्गत जल और ऊर्जा सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बांधों और जलविद्युत के सतत विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहद जरूरी है। कहा कि सम्मेलन में 15 देशों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बांध विशेषज्ञों से 70 तकनीकी पेपर पढ़ने के लिए प्राप्त हुए, जिनमें से 42 पूरे सत्र और 06 तकनीकी सत्रों के दौरान प्रस्तुत किए जा रहे हैं। जो निश्चित रूप से इस विषय पर ज्ञान के नए आयाम जोड़ेंगे। इस आयोजन में किए जाने वाले विचार-विमर्श में भारत और विदेशों से 350 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। मुख्य महाप्रबंधक टीएचडीसीआईएल एलपी जोशी ने पीएसपी ग्रोथ के लिए वर्तमान रुझानों और भविष्य की चुनौतियों और नीतियों पर एक तकनीकी पेपर प्रस्तुत किया। एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. ओल्के उनवर ने पानी के कारण होने वाली महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रबंधन को अपनाने पर दिया।