गढ़वाल विवि में चैती गीतों पर झूमे लोग
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र में उत्तराखंड की पारंपरिक गायन शैलियों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें चैत्र माह में होने वाली परपंराओं पर आधारित गीतों की प्रस्तुतियों ने खूब समां बांधा। इस मौके पर वक्ताओं ने चैती परंपरा के संरक्षण एवं संवर्द्धन पर जोर दिया।
कार्यक्रम के शुभारंभ पर मुख्य अतिथि डा. वंदना थपलियाल ने कहा कि संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए लोक कला विभाग महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। उन्होंने विल्पुत होती परंपराओं को सहेजे जाने पर जोर दिया। प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं संस्कृति कर्मी प्रो. डीआर पुरोहित ने चैती परंपरा के बारे में बताया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध बेड़ा गायक बचन देई-शिवचरण की नातिन गायिका निधि प्रकाश ने चैती गीतों की प्रस्तुति दी। साथ ही प्रसिद्ध चैती गायक डा.संजय पांडेय व लता तिवारी की जुगबंदी में चैती गीतों पर लोग खूब झूमे। इस मौके पर डा.पांडेय ने कहा कि वह चैती गीतों के संरक्षण व निरंतर इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। कार्यक्रम में सत्य प्रकाश, प्रकाश चंद्र और ढोल वादक मिजाजी सिरताज ने शानदार ढोल वादन किया। इस मौके पर डा. प्रवीण, महेश डोभाल, डा. सर्वेश उनियाल, हरीश पुरी, डा.आशुतोष गुप्ता, अभिषेक बहुगुणा, पंकज नैथानी, कवि जयकृष्ण पैन्यूली, महेश गिरी, अरविंद, उमंग, रोहित, मदन लाल डंगवाल आदि मौजूद रहे।