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14 महीने बाद जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा:कमेटियों को भंग करने का प्रस्ताव आयुक्त ने एजेंडा में शामिल नहीं किया; 18 अप्रैल को होगी बैठक

जयपुर नगर निगम ग्रेटर में 14 महीने से ज्यादा समय के अंतराल के बाद साधारण सभा होगी। 17 अप्रैल तक छुटि्टयां लेकर गए नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव सोमवार देर शाम अचानक निगम मुख्यालय पहुंचे और उन्होंने 18 अप्रैल का बैठक का शेड्यूल जारी करते हुए एजेंडा तैयार किया। सूत्रों के मुताबिक इस एजेंडा में नगर निगम समितियों को भंग करने से जुड़ा प्रस्ताव शामिल नहीं किया है। ऐसे में अचानक नगर निगम आयुक्त का मुख्यालय पहुंचना और शेड्यूल जारी करना चर्चा का विषय बन गया।

सूत्रों की माने तो इसके पीछे सरकार की ओर से दबाव आना बताया जा रहा है। मेयर ने दो दिन पहले एक प्रस्ताव तैयार करके सरकार को भिजवाया था, जिसमें उन्होंने सरकार से साधारण सभा बुलाने की अनुमति मांगी थी। इसमें आयुक्त के बैठक नहीं बुलाने का जिक्र किया था। बैठक नहीं बुलाने और मेयर के प्रस्ताव को बार-बार टालने से सरकार की किरकिरी हो रही थी। इसे देखते हुए स्वायत्त शासन निदेशालय ने आयुक्त को जल्द से जल्द मीटिंग कॉल करने के निर्देश दिए।

आपको बता दें कि नियमानुसार नगर निगम या पालिका में साधारण सभा की बैठक हर 60 दिन के अंतराल में एक बार बुलाने का प्रावधान है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर में नवंबर 2020 में बोर्ड बनने के बाद से लेकर अब तक केवल एक बार ही बैठक हुई है। पिछले साल 28 जनवरी को बजट पास करने के लिए बैठक बुलाई गई थी, जो मौजूदा बोर्ड की पहली बैठक थी।

नहीं आएगा समितियां भंग का प्रस्ताव
आगामी बैठक में सबसे चर्चित प्रस्ताव समितियों की कार्यप्रणाली को रिव्यू करके उसे भंग करने का था। पिछले दिनों पक्ष और विपक्ष के 60 पार्षदों ने मेयर को एक संकल्प पत्र दिया था, जिसमें मौजूदा कमेटियों की कार्यप्रणाली से नाखुश होकर उसका रिव्यू करने की मांग की थी। इसके साथ ही इन भंग करके दोबारा नये सिरे से बनाने की मांग भी पार्षदों ने की थी। इस प्रस्ताव के सामने के आने के बाद भाजपा संगठन में हलचल मच गई थी। अब आयुक्त ने इस प्रस्ताव को हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन होने का हवाला देते हुए शामिल करने से मना कर दिया। अपराधों का शमन समिति के चैयरमेन अजय चौहान निलंबित है और उनका मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।

पहले दो बार टल चुकी है बैठक
इससे पहले मेयर सौम्या गुर्जर ने दूसरी बार कुर्सी संभालने के बाद 2 बार बैठक बुलाने का प्रस्ताव आयुक्त को भिजवाया था। 14 मार्च को प्रस्तावित बैठक विधानसभा सत्र चलने के कारण विधायकों की अनुमति नहीं मिलने से टल गई थी। वहीं 7 अप्रैल को फिर बैठक बुलाने का प्रस्ताव मेयर ने जब आयुक्त को भिजवाया तो उन्होंने बैठक नहीं बुलाई।

पार्षदों को खुश करने के लिए 7-7 अस्थायी कर्मचारी
इस बैठक में पार्षदों की नाराजगी को दूर करने के संबंधित प्रस्ताव भी रखा जाएगा। हर वार्ड में हर पार्षद को 7-7 अस्थायी कर्मचारी (बिट्स) उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए टेण्डर करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। पार्षदों को बिट्स उपलब्ध करवाने का मामला लम्बे समय से चल रहा है। तत्कालीन कार्यवाहक मेयर रही शील धाबाई ने इस प्रस्ताव को कार्यकारी समिति में मंजूरी भी दिलवा दी थी।

इन प्रस्तावों पर भी होगी चर्चा
प्रशासन शहरों के संग अभियान का अब तक का रिव्यू, वित्त वर्ष 2021-22 में हर वार्ड में करवाए गए 50 लाख व 5 लाख रुपए के विकास कार्यो की प्रगति रिपोर्ट, नगर निगम के प्रशासनिक कार्य प्रणाली को सरलीकरण करने और आगामी मानसून से पहले नालों की सफाई व सीवरेज की सफाई करवाने के संबंध में प्रस्ताव लाकर उस पर चर्चा की जा सकती है।

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