अस्पताल में 17 मेडिकल स्टाफ गैरहाजिर:मंत्री को शिकायत के बाद स्टेट टीम के औचक निरीक्षण से मची खलबली, नोटिस थमाए
दौसा जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं की शिकायत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा तक पहुंचने के बाद अस्पताल प्रशासन में हडकंप मचा है। दूसरी ओर चिकित्सा निदेशालय निदेशालय की टीम शुक्रवार को औचक निरीक्षण पर दौसा जिला अस्पताल पहुंची। अचानक अस्पताल पहुंचे चिकित्सा विभाग के बड़े अधिकारियों को देख अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई। टीम ने अस्पताल परिसर का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। टीम ने मातृ एवं शिशु कल्याण केन्द्र का भी दौरा किया, इसके बाद पीएमओ डॉ. शिवराम मीणा से व्यवस्थाओं की जानकारी ली। टीम ने अस्पताल स्टाफ के कई कर्मचारियों से पूछताछ कर शिकायतों के सम्बंध में रिपोर्ट तैयार की।
अनुपस्थित मिला 17 मेडिकल स्टाफ
टीम में संयुक्त निदेशक (अस्पताल प्रशासन) डॉ राजेश शर्मा, संयुक्त निदेशक (एनटीपीसी) डॉ एसएन धौलपुरिया और राज्य नोडल अधिकारी मातृ स्वास्थ्य डॉ अभिनव अग्रवाल शामिल थे। टीम ने अस्पताल स्टाफ के उपस्थिति रजिस्टर्स की जांच की। जांच में तीन राजपत्रित अधिकारी, 10 अराजपत्रित कर्मचारी और 4 कार्यालय कर्मी अनुपस्थित पाए गए। इस पर टीम के सदस्यों ने पीएमओ को अनुपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों को मौके पर ही कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
क्रिटिकल केयर यूनिट के लिए जमीन देखी
संयुक्त निदेशक डॉ शर्मा ने अस्पताल में 50 बैड की क्रिटिकल केयर यूनिट के लिए जमीन का मौका देखा और इसके बाद अस्पताल के प्रशासनिक कार्यालय का निरीक्षण किया। राज्य नोडल अधिकारी मातृ स्वास्थ्य डॉ अभिनव अग्रवाल ने एमसीएच विंग का निरीक्षण किया। अस्पताल में पीएमओ ने सोनोलोजिस्ट की कमी व सोनोग्राफी करने में आ रही समस्या से अवगत कराया। डॉ अभिनव अग्रवाल ने बताया कि जेएसवाई के तहत गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी बाहर अधिकृत सेंटर से कराई जा सकती है। इसके लिए प्रति सोनोग्राफी 200 रूपए का भुगतान सेंटर को किया जाएगा।
मंत्री ने दिए थे सख़्ती के निर्देश
बता दें कि गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई समीक्षा बैठक में चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा की मौजूदगी में जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं की बात सामने आई थी। बैठक में कलेक्टर कमर चौधरी ने अस्पताल की आए दिन आने वाले शिकायतों से मंत्री को अवगत कराया था। इसके बाद चिकित्सा मंत्री जिला अस्पताल के पीएमओ को कड़ी फटकार लगाते हुए दोबारा शिकायत मिलने पर सस्पेंड करने की चेतावनी दी थी। वहीं सीएमएचओ को भी जिले के अस्पतालों में व्यवस्था सुधार करने के निर्देश दिए।