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16 साल के प्रज्ञानानंद ने 89 दिन के अंदर दूसरी बार विश्व चैंपियन को हराया, कार्लसन ने एक गलती से गंवाया मैच

भारतीय ग्रांडमास्टर प्रज्ञानानंद रमेशप्रभु ने 2022 में विश्व चैंपियन मैगनस कार्लसन पर दूसरी जीत दर्ज की है। चेजबल मास्टर्स के पांचवें दौर में नार्वे के कार्लसन ने बड़ी गलती की और इसका फायदा उठाते हुए प्रज्ञानानंद ने उन्हें पटखनी दे दी। इस जीत के साथ ही ऑनलाइन रैपिड चेस टूर्नामेंट में प्रज्ञानानंद के नॉक आउट में पहुंचने की उम्मीदें बनी हुई हैं। तीन महीने में यह दूसरा मौका है, जब प्रज्ञानानंद ने कार्लसन को मात दी है। इससे पहले फरवरी के महीने में उन्होंने एयरथिंग्स मास्टर्स में विश्व चैंपियन कार्लसन को हराया था। यह उनकी कार्लसन पर पहली जीत थी। अब तीन महीने बाद उन्होंने फिर से इतिहास दोहराया है।

150 हजार अमेरिकी डॉलर (1.16 करोड़ रुपये) की इनामी राशि वाले इस टूर्नामेंट के पांचवें दौर में प्रज्ञानानंद और कार्लसन के बीच भिड़ंत हुई। यह मैच ड्रॉ की तरफ बढ़ रहा था, लेकिन 40वें मूव में कार्लसन ने बड़ी गलती की। उन्होंने अपने काले घोड़े को गलत जगह रख दिया। इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने उन्हें वापसी का मौका नहीं दिया और अचानक ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

कार्लसन की गलती के चलते मैच जीतने के बाद प्रज्ञानानंद ने कहा कि वो इस तरीके से मैच नहीं जीतना चाहते हैं।

दूसरे नंबर पर हैं कार्लसन
चेजबल मास्टर्स टूर्नामेंट का दूसरा दिन खत्म होने के बाद कार्लसन दूसरे स्थान पर हैं। चीन के वी यी इस टूर्नामेंट में पहले स्थान पर हैं। वहीं, प्रज्ञानानंद के पास 12 प्वाइंट्स हैं। दुनिया के सबसे छोटे ग्रांडमास्टर अभिमन्यू मिश्रा भी इस टूर्नामेंट का हिस्सा हैं, जिसमें 16 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।

एयरथिंग्स मास्टर्स में पहली बार प्रज्ञानानंद से हारे थे कार्लसन
एयरथिंग्स मास्टर्स के आठवें राउंड में भारत के आर प्रज्ञानानंदा ने बड़ा उलटफेर करते हुए विश्व चैंपियन कार्लसन को हराया था। वो इस टूर्नामेंट के सबसे छोटे खिलाड़ी थे। कार्लसन ने भारतीय ग्रैंडमास्टर के सामने कई गलतियां की थी और अंत में मैच भी हार गए थे। इससे पहले ये दोनों खिलाड़ी तीन बार भिड़ चुके थे और तीनों बार कार्लसन जीते थे, लेकिन चौथे मैच में भारतीय खिलाड़ी ने जीत हासिल की थी। इसके बाद अप्रैल में हुए ओसलो इ स्पोर्ट्स कप में कार्लसन ने प्रज्ञानानंद को 3-0 से हराकर पिछली हार का बदला लिया था। अब प्रज्ञानानंद ने फिर जीत हासिल की है।

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