शिक्षण और अनुसंधान में नैतिक मूल्यों को लाने पर जोर
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर में उत्पादकता वृद्धि के लिए क्षमता निर्माण विषय पर पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी)आयोजित किया जा रहा है। इस मौके पर इंटरएक्टिव सत्र, समूह चर्चा, अनुभवात्मक शिक्षा, टीम गतिविधियां, पैनल चर्चा, योग, प्राणायाम, सुदर्शन क्रिया आदि करवाई जा रही है। एनआईटी श्रीनगर के निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने प्रतिभागियों को आत्मनिरीक्षण और आत्म-साक्षात्कार के माध्यम से शिक्षण और अनुसंधान में नैतिक मूल्यों को लाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संकाय सदस्यों के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है ताकि वे आत्मनिरीक्षण कर सकें और तकनीक सीख सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को ज्ञान देना ही नहीं अपितु उनको जीवन की कठिन चुनौतियों में खरा उतरने के लिए तैयार करना भी हैं। आर्ट ऑफ़ लिविंग संगठन के युवा विकास के क्षेत्रीय निदेशक वरुण उपाध्याय ने कहा कि शिक्षाविद युवा पीढ़ी के समग्र व्यक्तित्व को निखारने के लिए उत्प्रेरक का काम करते हैं। युवा मन को प्रज्वलित करने और उनकी उर्जा को सही दिशा में लगाने से समाज में बड़े स्तर पर परिवर्तन हो सकता है। आर्ट ऑफ़ लिविंग संगठन के सरकारी कार्यक्रमों की क्षेत्रीय निदेशक पौलोमी मुखर्जी ने संकाय सदस्यों को नियमित रूप से ध्यान करने के लिए प्रोत्साहित किया और दैनिक जीवन में तनाव से निपटने के लिए श्वास नियंत्रण की आवश्यकता पर बल दिया। संचालन डॉ. अभिनव कुमार तथा विनोद सिंह रावत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।