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उत्तराखंड की ग्रामीण आर्थिकी संवारेगा रीप, 951 करोड़ की योजना स्वीकृत

देहरादून: उत्तराखंड में ग्रामीण आर्थिकी संवारने के मद्देनजर 40 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों, कृषि उत्पादक समूहों, क्लस्टर फेडरेशन समेत अन्य संगठनों से जुड़े 5.60 लाख व्यक्तियों की आय अब दोगुना होगी।

इसके लिए राज्य में अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आइएफएडी) के सहयोग से चलने वाले रुरल इंटरप्राइजेज एक्सलेरेशन प्रोजेक्ट (रीप) के लिए 951 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की गई है। केंद्र सरकार और आइएफएडी के मध्य इस बारे में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।

सचिव ग्राम्य विकास सचिन कुर्वे के अनुसार इस योजना में आइएफएडी 771 करोड़ रुपये ऋण के रूप में उपलब्ध कराएगा, जबकि शेष 180 करोड़ की राशि राज्य वहन करेगा।

राज्य में उद्यमिता विकास के लिए पूर्व में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना चल रही थी, जो पिछले साल मार्च में समाप्त हो गई। इस योजना में भी प्रदेश के कुछ विकासखंड ही शामिल थे। इसे देखते हुए संपूर्ण राज्य में ऐसी योजना लागू करने के लिए रुरल इंटरप्राइजेज एक्सलेरेशन प्रोजेक्ट (रीप) तैयार कर इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा। बाह्य सहायतित योजना के अंतर्गत इसे आइएफएडी को भेजा गया। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद रीप के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। अब जल्द ही यह योजना शुरू होगी

सचिव ग्राम्य विकास सचिन कुर्वे ने बताया कि रीप के अंतर्गत विभिन्न समूहों, फेडरेशन व संस्थाओं के कृषि एवं इससे इतर उत्पादों के विपणन पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्यमों के लिए तकनीकी, वित्तीय सहायता समेत अन्य सहयोग दिया जाएगा।

इससे जहां पहले से कार्यरत समूहों की आय दोगुना करने में मदद मिलेगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में नए उद्यम स्थापना के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। इससे गांवों से हो रहे पलायन पर भी अंकुश लग सकेगा।

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