कप्तान छेत्री की निगाह कंबोडिया के खिलाफ बड़ी जीत पर, अफगानिस्तान और हांगकांग से भी होगा मुकाबला
करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री की अगुवाई में भारत पांचवीं बार एएफसी (एशियाई फुटबॉल परिसंघ) एशियाई कप फाइनल्स में जगह बनाने की कवायद में बुधवार को यहां कम रैंकिंग वाले कंबोडिया के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज करके अपने अभियान की शानदार शुरुआत करने की कोशिश करेगा। छेत्री अपने 126वें मैच में अपना 80वां गोल करने की कोशिश करेंगे। क्रिस्टियानो रोनाल्डो (188 मैचों में 117 गोल) और लियोनल मेसी (162 मैचों में 86 गोल) दनादन गोल दागे जा रहे हैं। इन दोनों से किसी की तुलना नहीं की जा सकती है लेकिन छेत्री के पास इस टूर्नामेंट में मेसी से आगे निकलने का मौका होगा।
भारतीय टीम विश्व रैंकिंग में अभी 106वें स्थान पर है जबकि कंबोडिया उससे 65 स्थान नीचे 171वें स्थान पर है। ग्रुप डी में इन दो टीम के अलावा अफगानिस्तान (150) और हांगकांग (147) शामिल हैं। ऐसे में छेत्री के पास गोल करने के मौके होंगे। छेत्री अपने करियर के अवसान पर हैं और एशियाई कप के लिए क्वालिफाई करना इस 37 वर्षीय कप्तान के लिए विशेष होगा। चीन के हटने के कारण अगला एशियाई कप 2023 के आखिर या 2024 में होगा और ऐसे में छेत्री इसे अपने शानदार करियर का ‘अंतिम किला’ मान सकते हैं।
तीन मैत्री मैचों में मिली है हार
इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता के क्वालिफाइंग मैचों से पहले भारत का प्रदर्शन अनुकूल नहीं रहा। उसने इससे पहले जो तीन अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच खेले उन सभी में उसे हार का सामना करना पड़ा। यही नहीं इस बीच उसे इंडियन सुपर लीग की टीम एटीके मोहन बागान से 1-2 से हार मिली जबकि उसने आई लीग ऑल स्टार्स टीम को 2-1 से हराया लेकिन संतोष ट्रॉफी के उप विजेता बंगाल ने उसे 1-1 से ड्रॉ पर रोका।
सात माह पहले जीता था मैच
भारतीय टीम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना आखिरी मैच सात महीने से भी अधिक समय पहले जीता था जब उसने 16 अक्तूबर 2021 को सैफ चैंपियनशिप के फाइनल में नेपाल को 3-0 से हराया था। लेकिन हाल के परिणाम इगोर स्टिमक की कोचिंग वाली टीम के लिए बेहद निराशाजनक रहे। छेत्री ने अपने साथियों को आगाह कर दिया है कि अगर वे कंबोडिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं तो आधी जंग यहीं पर हार जाएंगे।
चोटिल रहीम की खल सकती है कमी
हाल के दिनों में कोच स्टिमक के लिए सबसे बड़ा झटका रहीम अली की चोट रही है, जिन्होंने छेत्री के साथ मिलकर अग्रिम पंक्ति को हमलावर बनाना शुरू कर दिया था। जैसे ही उन्होंने जेजे लालपेखुला के स्थान को भरना शुरू किया उन्हें मांसपेशियों में खिंचाव के कारण बाहर होना पड़ा। एएफसी कप में हैट्रिक जमाने वाले एटीके मोहन बागान के फॉरवर्ड लिस्टन कोलासो, मनवीर सिंह और उदांता सिंह कुछ विकल्प दे सकते हैं लेकिन अली के गेंद पर नियंत्रण और सटीक पासिंग का मुकाबला करना मुश्किल है। यह देखना दिलचस्प होगा कि छेत्री इससे कैसे निपटते हैं क्योंकि वे पांचवें एशियाई कप के लिए क्वालिफाई करना चाहते हैं।