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सर्वाधिक प्राचीन एवं उपयोगी है मर्म चिकित्सा: डा. जोशी

आयुर्वेद विवि के कुलपति डॉ. सुनील जोशी ने मर्म चिकित्सा को सबसे उपयोगी बताया है। उन्होंने इस चिकित्सा पद्धति को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, विभिन्न प्रकार के दर्द, तन्त्रिका तन्त्र की समस्याओं से लेकर असाध्य रोगों के उपचार में भी काफी उपयोगी बताया। पुनश्चर्या पाठ्यक्रम के नवें दिन प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता एवं उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि के कुलपति डॉ. सुनील जोशी ने अभिनन्दन किया। 107 मर्म बिन्दुओं की चर्चा के क्रम में डॉ. जोशी ने मणिबन्ध, कटितरुण, स्थपनी, नाड़ी, हृदय मर्म की प्रयोगात्मक व्याख्या प्रस्तुत की। मौके पर प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार यादव, आचार्य गौतम, डॉ. साध्वी देवप्रिया आदि मौजूद रहे।

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