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मेडल से चूकीं भारत की जैवलिन थ्रोअर अनु रानी, लगातार दूसरी बार पहुंची थी फाइनल में

ओरेगोन में चल रहे 18वें वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल इवेंट में भारत  को निराशा हाथ लगी है। भारत की महिला जैवलिन थ्रोअर अनु रानी फाइनल इवेंट में पोडियम फिनिश नहीं कर पाईं। फाइनल इवेंट में रानी 61.12 मीटर भाला फेंककर 7वें स्थान पर रहीं। इस इवेंट में गोल्ड मेडल आस्ट्रेलिया की केल्से ली बार्बर के हाथ लगी जिन्होंने 66.91 मीटर दूर भाला फेंककर पोडियम फिनिश किया। सिल्वर मेडल अमेरिका की खिलाड़ी कारा विंगर जबकि ब्रोंज मेडल जापान की हारुका काटागुची के नाम रहा। विंगर ने अंतिम प्रयास में 64.05 मीटर दूर भाला फेंककर सिल्वर जबकि काटागुची ने 63.27 मीटर दूर भाला फेंककर ब्रोंज मेडल पर कब्जा जमाया।

अनु की बात करें तो वह  क्वालीफाइंग मुकाबले में 59.60 मीटर दूर भाला फेंककर फाइनल में पहुंची थी जो उनके अंतिम प्रयास में आया था। ऑटोमेटिक क्वालीफाइंग मार्क 62.50 मीटर रखा गया था।

29 साल की रानी भले ही ऑटो क्वालीफाइंग मार्क हासिल नहीं कर पाई हों लेकिन टॉप 8 में वह जगह बनाने में कामयाब रही थी। उन्होंने ग्रुप बी में 5वें नंबर पर फिनिश किया था। हालांकि केवल तीन एथलीट ही ऑटोमेटिक क्वालीफाई कर पाईं थीं। रानी पहली भारतीय महिला जेवलिन  एथलीट हैं जिन्होंने लगातार दूसरी बार वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई थी।

रानी के सीजन बेस्ट परफॉर्मन्स की बात करें तो उनके नाम 63.82 का रिकॉर्ड है जो एक नेशनल रिकॉर्ड है। ये रानी का तीसरा वर्ल्ड चैंपियनशिप था इससे पहले 2017 लंदन में वह फाइनल में क्वालीफाई नहीं कर पाई थी जबकि 2019 दोहा में 61.12 मीटर दूर भाला फेंककर वो 8वें नंबर पर रही थी।

 

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