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कामनवेल्थ गेम्स में फिर चुनौती पेश करने को तैयार अश्विनी पोनप्पा

नई दिल्ली, कामनवेल्थ गेम्स में 12 साल पहले पदार्पण करते हुए महिला डबल्स में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की डबल्स विशेषज्ञ बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा चौथी बार इन खेलों में हिस्सा लेने की तैयारी कर रही हैं।

अश्विनी की जीत की भूख में कोई कमी नहीं आई है। उनके स्मैश पहले की तरह दमदार हैं और वह विरोधी खिलाडि़यों की सर्विस और रिटर्न को अब भी काफी अच्छी तरह से भांप लेती हैं। कामनवेल्थ गेम्स में दो स्वर्ण सहित पांच पदक, विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली दो बार की ओलिंपियन अश्विनी 28 जुलाई से शुरू हो रहे खेलों में एक बार फिर अपना दम दिखाने को तैयार हैं। 32 साल की अश्विनी ने कहा, ‘इन वर्षों में काफी उतार-चढ़ाव आए। 10 वर्षों में मैं काफी बदल गईं, काफी सुधार किया, अब मेरे पास काफी अधिक अनुभव है और एक बार फिर कामनवेल्थ गेम्स की टीम में जगह बनाकर काफी अच्छा लग रहा है। इसकी शुरुआत 2010 में हुई थी और यह मेरे लिए काफी नई चीज थी। स्वर्ण पदक जीतना शानदार लम्हा था। इस लम्हे को दोबारा जीना चाहती हूं।

अश्विनी ने ज्वाला गट्टा के साथ मिलकर दिल्ली कामनवेल्थ गेम्स में भारत को महिला डबल्स में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। भारतीय टीम ने भी रजत पदक जीता था। अश्विनी और ज्वाला ने चार साल बाद रजत पदक जीता। अश्विनी ने गोल्ड कोस्ट में हुए पिछले कामनवेल्थ गेम्स में भारत को मिक्स्ड टीम स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा, ‘2018 में मैंने और सिक्की ने कांस्य पदक जीता था, लेकिन तब मैंने पहली बार टीम स्वर्ण पदक जीता जो शानदार अहसास था। इस बार चुनौती अलग है। इस बार मैं महिला डबल्स में नहीं बल्कि मिक्स्ड डबल्स में खेल रही हूं, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।’

पिछले तीन कामनवेल्थ गेम्स में अश्विनी ने महिला डबल्स में पदक जीते हैं, लेकिन इस बार वह क्वालीफाई नहीं कर पाई क्योंकि उनकी महिला जोड़ीदार एन सिक्की रेड्डी को चोट लगने के कारण यह जोड़ी चयन ट्रायल के फाइनल में हार गई। उन्होंने कहा, ‘यह मिक्स्ड अहसास था, यह हमारा 16वां मैच था और इसका शरीर और दिमाग पर असर पड़ता है। फाइनल से पहले सिक्की की पेट की मांसपेशियों में चोट थी। कई कारण थे जिससे हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए। यह निराशाजनक था।’ अश्विनी ने कहा, ‘लेकिन मुझे खुशी है कि सुमीत और मैंने सभी मैच जीते। हम एक दिन में तीन मैच खेल रहे थे। मैं भाग्यशाली रही कि मुझे ट्रायल के दौरान चोट नहीं लगी।’

यह पूछने पर कि क्या भारत दोबारा मिक्स्ड टीम स्वर्ण पदक जीतने की प्रबल दावेदार है, अश्विनी ने कहा, ‘श्रीकांत, लक्ष्य, सिंधू और सात्विक-चिराग की मौजूदगी में हमारी टीम मजबूत है। टीम स्पर्धा में कुछ भी हो सकता है। 2018 में हमने ओलिंपिक रजत पदक विजेता को हराया था जबकि श्रीकांत ने लीग चोंग वेई को शिकस्त दी थी, इसलिए महत्वपूर्ण है कि चीजों का हलके में नहीं लिया जाए।’

 

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