एम्स चिकित्सकों ने लोगों को हेपेटाइटिस के प्रति किया जागरूक
एम्स ऋषिकेश में विश्व हेपेटाइटिस डे के उपलक्ष्य में सीएफएम विभाग, गैस्ट्रोलॉजी व नर्सिंग कॉलेज ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम में हेपेटाइटिस केयर क्लोजर टू यू थीम पर जनजागरूकता गतिविधियां चलाई गईं। हेल्थ केयर वर्करों को वायरल हेपेटाइटिस के प्रकार बताए गए। साथ ही इसके संक्रमण के फैलने के कारण और रोकथाम की जानकारी दी गई।
शुक्रवार को एम्स ऋषिकेश में सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग के तत्वावधान में नर्सिंग कॉलेज के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए हेल्थ टॉक का आयोजन किया। सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सैना की देखरेख में हुए कार्यक्रम में विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ. अजीत सिंह भदौरिया ने कहा कि हेपेटाइटिस-बी की रोकथाम के लिए भारत सरकार की ओर से वैक्सीन उपलब्ध है। इसे नवजात शिशु को जन्म लेने के 24 घंटे के भीतर बर्थ डोज दी जाती है, जो कि इस संक्रमण को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इसके बाद दूसरी डोज छह सप्ताह, तीसरी 10 हफ्ते और अंतिम डोज को 14 हफ्ते में दी जानी चाहिए। साथ ही माता में हेपेटाइटिस बी की नियमित जांच भी अहम है। हेपेटाइटिस बी संक्रमित माता से जन्म लेने वाले शिशु को बर्थ डोज के साथ सुरक्षा के लिए इम्युग्लोबुलिन का टीका लगाना भी अत्यंत लाभकारी है।