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गांव में ग्राहक सेवा केंद्र के जरिये दें बैंकिंग सुविधा

उत्तरकाशी : जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि ऋण एवं अन्य क्षेत्रों में एमएसएमई गतिविधियों के अंतर्गत क्रेडिट कार्ड प्रक्रिया पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने सभी बैंकों को निर्देश दिए कि ग्राहक सेवा केंद्र (सीएसपी) के माध्यम से गांव में ही ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा दें। जिला सभागार आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने कहा कि जनपद के सुदूरवर्ती गांव में सीएसपी के माध्यम से बैंकिंग सुविधा सबसे जरूरी है। साथ ही जिन गांव में सीएसपी हैं, वहां पर साइन बोर्ड, फ्लेक्सी आदि प्रदर्शित किया जाना चाहिए, ताकि ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा का लाभ लेने की जानकारी मिल सकें। जिलाधिकारी ने सभी बैंकर्स को जनपद के क्रेडिट जमा अनुपात बढ़ाने के निर्देश दिए। इंडस इंड बैंक का क्रेडिट जमा अनुपात शून्य होने और शाखा प्रबंधक बैठक में उपस्थित नहीं होने के कारण जिलाधिकारी ने शाखा प्रबंधक का स्पष्टीकरण लेने के निर्देश एलडीएम को दिए। वहीं यूनियन बैंक आफ इंडिया के शाखा प्रबंधक के बैठक में अनुपस्थित रहने पर उनका भी स्पष्टीकरण मांगा है। जिलाधिकारी ने कहा कि विभागों के माध्यम से विभिन्न योजनाओं से लाभांवित होने वाले लाभार्थियों के आवेदन ऋण स्वीकृति के लिए बैंकों में भेजे जाते हैं। संबंधित विभागों एवं आवेदनकर्ताओं की शिकायत आती है कि बैंकर्स बिना कारण लिखे ही आवेदन पत्र निरस्त कर देते हैं। जिस कारण आवेदनकर्ता को समय से योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। जिलाधिकारी ने ऋण स्वीकृति एवं वितरण की प्रक्रिया के सरलीकरण पर जोर दिया। इस मौके पर एलडीएम राजीव कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में बैंक लिंकेज के लिए 800 का लक्ष्य दिया गया। जिसके सापेक्ष 274 ऋण आवेदन पत्र बैंक शाखाओं को भेजे गए हैं। इसमें 120 आवेदन पत्रों पर ऋण स्वीकृत एवं 78 आवेदकों को ऋण वितरित किया गया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, महाप्रबंधक उद्योग शैली डबराल, डीडीएम नाबार्ड गुरविंदर सिंह आहूजा, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधीर जोशी, अपर अर्थ एवं संख्याधिकारी मनोज कुमार आदि मौजूद थे

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